आम तौर पर कपूर भारतीय धर्म संस्कृति का अनादि काल से हिस्सा रहा है। हवन-पूजन के दौरान अन्य सामग्रियों के साथ-साथ हर हिंदू के घर में कपूर का मुख्य तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। यह न केवल भगवान की आरती में काम आता है बल्कि, इसके कई तरह के औषधीय गुण भी हैं।
भीमसेनी कपूर सफेद रंग का यह कपूर कई आकार में होते हैं। यह सुगंधित और तीब्र ज्वलनशील होता है। पूजा-पाठ के अलावा कपूर का इस्तेमाल कई तह की दवाओं में भी किया जाता है।
भीमसेनी कपूर सफेद रंग का यह कपूर कई आकार में होते हैं। यह सुगंधित और तीब्र ज्वलनशील होता है। पूजा-पाठ के अलावा कपूर का इस्तेमाल कई तह की दवाओं में भी किया जाता है।
कैसे तैयार होता है कपूर
आम तौर पर समझा जाता है कि कपूर कृत्रिम बनाया जाता है। लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। कपूर दो तरह के होते हैं। एक कृत्रिम और दूसर प्राकृतिक। प्राकृतिक कपूर पेड़ों से पाया जाता है। यह उड़नशील सफेद तैलीय पदार्थ है। आयुर्वेद के कई ग्रंथों में इसका उल्लेख भीमसेनी, अपक्व और पक्व तीन तरह के कपूर का उल्लेख आता है। लेकिन मुख्य रूप से दो तरह के कपूर ही प्रयोग में लाये जाते हैं। पेड़ो से प्राप्त होने वाले प्राकृतिक कपूर को भीमसेनी कपूर कहा जाता है, और यह अन्य कपूर की तुलना में वजनदार होता है। यह जल्दी उड़ता भी नहीं है। प्राकृतिक कपूर पश्चिम बंगाल, उत्तराखण्ड, कर्नाटक, तमिलनाडू, केरल, नीलगिरी तथा कर्नाटक में पाया जाता है।
आम तौर पर समझा जाता है कि कपूर कृत्रिम बनाया जाता है। लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। कपूर दो तरह के होते हैं। एक कृत्रिम और दूसर प्राकृतिक। प्राकृतिक कपूर पेड़ों से पाया जाता है। यह उड़नशील सफेद तैलीय पदार्थ है। आयुर्वेद के कई ग्रंथों में इसका उल्लेख भीमसेनी, अपक्व और पक्व तीन तरह के कपूर का उल्लेख आता है। लेकिन मुख्य रूप से दो तरह के कपूर ही प्रयोग में लाये जाते हैं। पेड़ो से प्राप्त होने वाले प्राकृतिक कपूर को भीमसेनी कपूर कहा जाता है, और यह अन्य कपूर की तुलना में वजनदार होता है। यह जल्दी उड़ता भी नहीं है। प्राकृतिक कपूर पश्चिम बंगाल, उत्तराखण्ड, कर्नाटक, तमिलनाडू, केरल, नीलगिरी तथा कर्नाटक में पाया जाता है।
कपूर एक फायदे अनेक
सामन्य से दिखने वाले कपूर के फायदे भी अनेक है। आप सोच रहे होंगे कि भी भगवान की पूजा में कपूर क्यों जलाया जाता है। इमारे ऋषिमुनियों ने यूं ही नहीं इसका प्रयोग किया। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। क्योंकि कपूर जलाने के कई फायदे भी हैं। बहुत से घरों में नारियल तेल और कपूर का एक साथ इस्तेमाल किया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। आयुर्वेदिक दृष्टि से देखें तो कपूर कटु, तिक्त, मधुर और तीक्ष्ण स्वभाव का होता है। लेकिन इसके इस्तेमाल से पहले चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें और चिकित्सक के निर्देशानुसार ही इस का विभिन्न रोगों में प्रयोग करें।
सामन्य से दिखने वाले कपूर के फायदे भी अनेक है। आप सोच रहे होंगे कि भी भगवान की पूजा में कपूर क्यों जलाया जाता है। इमारे ऋषिमुनियों ने यूं ही नहीं इसका प्रयोग किया। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। क्योंकि कपूर जलाने के कई फायदे भी हैं। बहुत से घरों में नारियल तेल और कपूर का एक साथ इस्तेमाल किया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। आयुर्वेदिक दृष्टि से देखें तो कपूर कटु, तिक्त, मधुर और तीक्ष्ण स्वभाव का होता है। लेकिन इसके इस्तेमाल से पहले चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें और चिकित्सक के निर्देशानुसार ही इस का विभिन्न रोगों में प्रयोग करें।
- सिर दर्द में लाभकारी: सिरदर्द होना एक आम समस्या है। इससे हर आयु वर्ग के लोग परेशान रहते हैं। कपूर के फायदे से सिरदर्द से आराम मिल सकता है। कर्पूर,अर्जुन, शुण्ठी , लौंग की छाल और सफेद चंदन को बारबर मात्रा में लेकर पीस लें। और इसका सिर पर लेप करें। इससे सिरदर्द शीघ्र ठीक हो जाता है।
- सफेद कपूर मुँहासे भी करे दूर : त्वचा रोगों में कपूर का प्रयोग राहत दिलाने वाला होता है। जैसे कि मुँहासे । कपूर में हीलिंग का गुण होता है जो कि मुहांसों को जल्द ठीक करता है। साथ ही कपूर में ठंढक और शोथ को कम करने वाला गुण भी होता है, जिस कारण यह मुँहासे वाली जगह की शोथ को कम कर मुहांसों को आने से रोकता है। इसके अलावा कपूर को फोड़े -फुंसी को ठीक करने में भी प्रयोग करते है क्योंकि कपूर में एंटी -बैक्टिरीयल गुण होता है।
- चेहरे से दाग भी हटाता है : चेहरे के दागों को कम करने के लिए भी कपूर का प्रयोग किया जाता है। त्वचा में अधिक रूखापन होने की वजह से त्वचा शुष्क और दाग-धब्ब़ों वाली हो जाती है। कपूर को नारियल तेल में मिलाकर लगाने से त्वचा का रूखापन दूर हो जाता है साथ ही चेहरे की त्वचा खिलने लगती है।
- बालों को झड़ने से भी रोकता है कपूर : कपूर एक ऐसा औषधीय पदार्थ जो बालों को झड़ने से भी रोकता है। यदि नारियल तेल में कपूर मिलार लगाया जाय तो इससे ना तो आप के बाल झड़ेंगे और ना ही बालों में रूसी होगी । कपूर में एंटी फंगल यानि एंटी डैंड्रफ का गुण पाया जाता है जो कि रूसी को कम करने के साथ -साथ बालों को झड़ने से भी रोकता है। साथ बालचर जैसी बीमारी को भी रोकता है।
कपूरी मिले सरसों तेल से करें छाती पर मालिश तो नहीं होगी खांसी : यदि आप खांसी की समस्या से परेशान हैं तो कपूर का प्रयोग कर सकते हैं। खांसी को शांत करने के लिए कपूर को बारीक पीस लें फिर इसे सरसों या तिल के तेल में मिला कर कुछ देर के लिए रख दें। फिर इस तेल से पीठ और छाती पर हलका मसाज करें। इससे खांसी में राहत मिलेगी। - सर्दी जुकाम से भी बचाता है कपूर : मौसम के दलते ही सर्दी-जुकाम आम बात है। अधिकांश लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं। जुकाम ऐसी समस्या है जिसमें नाक बहने, सिरदर्द की वजह से कोई भी काम करने का मन नहीं करता है। ऐसे में भीमसेनी कपूर को गर्म पानी में डालकर उससे निकलने वाली भाप को सूंघने से जुकाम में लाभ होता है।
- मच्छरों से परेशान हैं तो जलाएं कपूर : यदि मच्छरों से परेशान हैं तो उन्हें भगाने के लिए घर में कपूर जलाएं। क्योंकि कपूर के जलने से एक प्रकार की सुगन्धित गंध निकलती है, जो मच्छरों को भगाने में कारगर होती है।
- नाक से खून तो लगाएं कपूर : आयुर्वेदिक नुस्खों के मुताबिक अगर आपके नाक से खून निकलने लगता है यानी आप नकसीर की समस्या से परेशान हैं तो इससे कपूर निजात दिला सकता है। इसके लिए कपूर को पीस कर गुलाब जल में मिला लें। इसकी एक-दो बूंद नाक में डालें। जल्दी ही नकसीर यानी नाक से खून निकलने की बीमारी से राहत मिलेगी।
- दांत दर्द से आराम दिलाए कपूर : दांत के दर्द की परेशानी से भी कपूर निजात दिलाता है। कपूर को सोंठ के चूर्ण में मिला कर दांतों पर रगड़ें। इसके अलावा कपूर को दांतों के बीच दर्द वाले स्थान पर रखकर कुछ देर तक दबाए रखें। ऐसा करने से दांत के दर्द से राहत मिलती है।
- मुंह के छालों में लाभ : कई बार पेट की गर्मी की वजह से मुंह में छाले पड़ जाते हैं। ऐसे में 125 मिग्रा कपूर भीमसेनी कपूर को मिश्री के साथ पीसकर लगाने से मुंह के छालों से आराम मिलता है।
- उल्टी से राहत पाने के लिए कपूर का सेवन उल्टी या मिच्ल्ली आने पर अधिकांश लोग तुरंत दवाइयां खाकर राहत पाने की कोशिश करते हैं, लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आप कपूर कि मदद से भी उल्टियों से आराम पा सकते हैं। उल्टियां होने पर कपूर मिश्रित जल का सेवन करने से उल्टियां रुक जाती हैं। किचन में काम करते समय हल्का-फुल्का जल जाना आम बात है। जलन को कम करने के लिए और जले हुए हिस्से को जल्दी ठीक करने में कपूर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए सफेद चन्दन, कपूर और सुंगधबाला को समान मात्रा में लेकर पीस लें। जले हुए हिस्से पर इसका लेप लगाएं।
- बिच्छू के डंक मारने पर : कपूर में ऐसे गुण होता है जो बिच्छू के विष के असर को कम कर देता है। अगर आपको या किसी परिचित को बिच्छू ने काट लिया है, तो कपूर को सिरके में पीसकर उस जगह पर लगाएं। इससे विष का असर जल्दी खत्म हो जाता है।