the jharokha news

मोहम्मदपुर दो सौ साल अतिप्राचीन शिव मंदिर,जहां शिवरात्रि के दीन लगता है,भक्तों का भीड़

मोहम्मदपुर दो सौ साल अतिप्राचीन शिव मंदिर,जहां शिवरात्रि के दीन लगता है,भक्तों का भीड़

रजनीश कुमार मिश्र बाराचवर (गाजीपुर) बाराचवर ब्लाक मुख्यालय से करीब दो किलोमीटर पश्चिम मोहम्मदपुर गांव के बिराने में करीब दो सौ या तीन सौ वर्ष पुराना अतिप्राचीन शिव मंदिर स्थित है। जिसे लोग आज के समय शिवालय के नाम से जानते है। कहा जाता है की यहां शिवलिंग धरती के गर्भ को चीरते हुए खुद ही बाहर निकले है।

इस अतिप्राचीन शिव मंदिर पर शिवरात्रि के दिन सुबह से ही हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ लगना शुरू हो जाता है।इस पावन पर्व के दिन दुर दराज से पुरुष व महिलाए अतिप्राचीन शिवलिंग का दर्शन करने आते है। दर्शन करने आये भक्तों ने बताया की यहां आने से हम लोगों का जीवन सफल हो जाता है।क्यो की यहां का शिवलिंग खुद ही धरती के गर्भ से निकाल है।

दो सौ से तीन सौ वर्ष पुराना है,शिवमंदिर

 

कहा जाता है की मोहम्मदपुर का शिव मंदिर एक अनुमान के मुताबिक करीब दो सौ से तीन सौ साल पुराना है। मोहम्मदपुर के ग्रांम प्रधान राधेश्याम यादव ने बताया की हमारे पूर्वज भी नहीं बता पाये की ये शिव मंदिर कितना पुराना व किसने बनाया है।उन्होंने कहा की लोग कहते है की मांटा गांव के किसी व्यक्ति ने बनाया है।लेकिन ये सत्य नहीं है। ग्रांम प्रधान 58 राधेश्याम यादव ने बताया की जब हमारे पुर्वज नहीं बता पाये की ये अतिप्राचीन शिव मंदिर किसने बनाया है।तो हम लोग कैसे बता पायेंगे उन्होंने बताया की पहले यहां एक ही पुराने जमाने का मंदिर था। ग्रांम प्रधान ने बताया की पुराने मंदिर का जीणोद्धार कर नया मंदिर बना दिया गया व पुराने मंदिर के बगल में एक और नय मंदिर का निर्माण कराया गया।

  Chhath Puja : सूर्य उपासना का पर्व छठ पूजा, चमके गंगा घाट

शिव मंदिर के बगल में है,अतिप्राचीन तालाब

अतिप्राचीन शिव मंदिर के बगल मे एक तालाब भी है।जिसका खुदाई भी मंदिर के समय ही कराया गया था।तालाब के बारे में ग्रांम प्रधान राधेश्याम यादव ने बताया की ये तालाब भी उतना ही पुराना है। जीतना मंदिर पुराना है।उन्होंने बताया की आज भी खुदाई कराते समय पुराने जमाने की सीढ़ियां मिलती है।जिससे ये अनुमान लगाया जाता है की तालाब भी करीब दो सौ साल पुराना होगा। मोहम्मदपुर के ग्राम प्रधान राधेश्याम यादव ने बताया की एक बार तालाब का खुदाई कराया जा रहा था।सीढियां मिलती जा रही थी।थक हार कर खुदाई बंद करा दिया गया। प्रधान ने बताया की जिस जगह मंदिर स्थित है वहां पहले जंगल.हुआ करता था।जहां जमाने के साथ साथ जंगल तो साफ हो गया लेकिन आज भी मंदिर उसी तरह बिराने मे है।

 

जीस लड़की को मंदिर पर दिखाया जाता है,उसकी हो जाती है शादी

कहा जाता है की जीस लड़की की शादी तय की जाती है।तब लड़के पक्ष को लड़की देखने के लिए उसी मोहम्मदपुर गांव के अतिप्राचीन शिव मंदिर पर बुलाया जाता है। क्यो की इस मंदिर पर लड़की देखने के बाद उसकी शादी होना तय माना जाता है।वहीं प्रधान के साथ साथ कुछ और लोगों ने बताया की इस मंदिर का तो ये चमत्कार ही है की आज तक जिस लड़की को यहां लड़के पक्ष को दिखलाया गया उसकी शादी हुई है।इसे आप एक चमत्कार भी कह सकते है।इस चमत्कार के संबंध में ग्रांम प्रधान राधेश्याम यादव दावे के साथ कहते है।

  75 साल का शूरमा, जिससे कांपते थे अंग्रेज और अफगान ,अटारी

आज भी बारह बजे रात को आती है झनझनाहट की आवाज

अतिप्राचीन शिव मंदिर के जगह पर रात को 12 बजे के आस पास एक और चमत्कार होता है।वो चमत्कार है झनझनाहट की आवाज आना लोग बताते है,की इस जगह हर रोज रात्रि में झनझनाहट की आवाज सुनी जाती है।वो कहा से आती है किसी को पता नहीं है।
राधेश्याम यादव ने बताया की आज भी वो आवाज सुनी जा सकती है।उन्होंने बताया की पुर्वज बताते थे की जमीन के अंदर पहले लोग सोना चांदी छिपाते थे।जब वो इधर से उधर होता था तो झनझनाहट की आवाज आती थी।ठीक उसी प्रकार मंदिर वाले जगह.से भी आवाज आती है।








Read Previous

Shivratri Special in hindi, खास है लखनेश्वरडीह का शिव मंदिर, लक्ष्मण ने की स्थापना, महाशिवरात्रि के दिन यहां पूजा करने से मिलता है मनवांछित फल

Read Next

इसी जगह भगवान शिव ने किया था कामदेव का बध

Leave a Reply

Your email address will not be published.