Low Budget Hit Film: आज से करीब 41 साल पहले आई फिल्म नदिया के पार (Nadiya Ke Paar) ने उस समय कमाई के सारे रिकार्ड तोड़ दिए थे। इसके साथ ही इस फिल्म के हीरो रहे चंदन यनानी सचिन पिलगांवकर और गुंजा यानी साधना सिंह की गिनती सुपर स्टार कलाकारों में होने लगी थी।
राज श्री के बैनर तले बनी यह भोजपुरी भाषा फिल्म उस समय सफलता के सारे किर्तिमान तोड़ दिए थे। कम बजट की इस हीट फिल्म Low Budget Hit Film के कलाकारों ने भी अपने अभिनय सादगी से दर्शकों के दिल जीत लिए थे। इस फिल्म के गाने भी काफी सुपर हीट हुए थे। नदिया के पार फिल्म जब टीवी पर आती है तो आज भी दर्शक दिल थाम कर इस फिल्म को बड़े चाव से देखते हैं। भोजपुरी माटी की सुगंध और सादगी लिए चंदन और गुंजा की प्रेम कहानी पर आधारित यह फिल्म 1982 में रिलीज हुई थी। तब से लेकर आज तक यह दर्शकों के बीच अपनी जगह बनाए हुए है।
मात्र 18 लाख में बनी थी फिल्म, कमाए 5.4 करोड़
पूर्वी उत्तर प्रदेश की ग्रामीण पृष्ठभूमि पर बनी यह अपने रिलीज के 41 साल बाद भी दर्शकों के दिलों पर राज कर रही है। सादगी से परिर्पूण और पूरी तरह से रिश्तों में पगी यह फिल्म उस समय 18 लाख रुपये में बनी थी, लेकिन जब सिनेमा घरों में आई तो 5.4 करोड़ की कमाई कर गई। इसका आंदाजा राज श्री प्रोडक्शन को भी नहीं था और ना ही इस फिल्म के कलाकारों को इतनी लोकप्रियता की उम्मीद थी।
जौनपुर जिले के दो गांवों में हुई थी फिल्म की शूटिंग
सफलता के झंडे गाड़ने वाली नदिया के पार फिल्म की शूटिंग लोकेशन की बात करें तो इसकी शूटिंग उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के दो गांवों में हुई थी। बिन मां के दो बेटे और पिता की परवरिश पर आधारित इस फिल्म में एक ऐसा देवर था जो अपनी भाभी को मां के जैसा प्रेम करता था। फिल्म में अपनी भाभी मां से मां जैसा प्यार करने वाला देवर और बहन की मौत के बाद अपनी जिंदगी को परिवार के नाम कर देने वाली गुंजा से हर कोई प्रभावित हुआ था। चाहे वह गांव का दर्शक हो या खड़ी हिंदी बोलने वाला शहरी, हर कोई इंप्रेस हुआ. इस फिल्म के क्लाइमेक्स सीन ने भी सभी की पलकें नम दिया था।
अब बात करें नदिया के पार की शूटिंग की तो जौनपुर जिले के विजयपुर और राजेपुर नाम के गांव में हुई थी। ये दोनों गांव सई और गोमती नदी के किनारे बसे हैं। फिल्म में चंदन के किरदार में सचिन पिलगांवकर (Sachin Pilgaonkar) और गुंजा के किरदार में साधना सिंह (Sadhna Singh) के विवाह वाले दृश्य को लोग सच में विवाह समझने लगे थे। नदिया के पार फिल्म की एक खास बात यह भी रही कि इसमें कलाकारों पहनावे भी एकदम सादा गांव के लोगों की तरह ही था और इस फिल्म दिया गया कोई भी सीन गांव की रियल लाइफ लगती यानि बनाट जैसा कुछ भी नहीं था। फिल्मी पंडित मानते हैं की इसी लिए इस फिल्म ने दर्शकों के दिलों में जगह बना पाई थी। हलांकि इस फिल्म के कई साल बाद राज श्री बैनर नदिया के पार की ही रिमेक लेकर आई थी ‘हम आप के हैं कौन’ यह फिल्म भी सुपर हीट साबित हुई थी।