कहते हैं समय सब दिन एक समान नहीं रहता। कभी बंदा अर्स पर तो कभी फर्श पर आ जाता है। ऐसा कुछ हो रहा है इन दिनों समाजवादी पार्दी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खां और उनके परिवार के साथ। क्योंकि 17 माह बाद आजम खां दोरा सीतापुर जेल की उसी बैरक में पहुंच गए हैं, जिसमें वे पहले बंद थे। हलांकि इस बार उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटा अब्दुल्ला साथ नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि बेटा अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के मामले में गत 30 अक्टूबर को एमपीएमलए कोर्ट आजम खां और उनकी पत्नी तंजीम फतिमा और अब्दुल्ला आजम को सात साल की सजा सुनाई है। सजा पाए जाने के बाद आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे को पहले रामपुर जेल में रखा गया। लेकिन, शासन ने रविवार को आजम खांन को सीतापुर और बेटे अब्दुल्ला को हरदोई की जेल में शिफ्ट कर दिया। जबिक उनकी पत्नी रामपुर जेल में ही बंद हैं।
बताया जा रहा है कि जब आजम खां को सीतापुर ले जाने के लिए उन्हें पुलिसकी गाड़ी में बैठने को कहा गया तो वे ना नुकुर करने लगे। उन्होंने आशंका जताई की उनका एनकाउंटर किया जा सकता है। हलांकि रविवार को सुबह आजम खां फिर उसी बैरक में पहुंच गया जो वह करीब 17 माह पहले बंद थे।
बता दें की इसी सीतापुर की जेल में आजम खां करीब सवा दो साल बंद रहे। उल्लेखनीय है आजम खां पर 88 मुकदमें दर्ज करने के बाद पहली बार उन्हें फरवरी 2020 में सीतापुर के जिला कारागार में लागया गया था। तब उनकी पत्नी और बेटा भी साथ थे।