
Basant Panchami 2023 : बसंत पंचमी Basant Panchami को आम तौर पर माता सरस्वती की पूजा का विधान है। माना जाता है कि गीत-संगीत और ज्ञान की देवी माता सरस्वती की पूजा करने से उनकी कृपा बनी रहती है। लेकिन बहुत ही कम लोगों को यह पता होगा की Basant Panchami बसंत पंचमी के दिन कामदेव और उनकी पत्नी रति Kamdew and Rati की भी पूजा की जाती है। मन्यता है कि कामदेव की पूजा करने से दांपत्य जीव सुखमय रहता है।
वैदिक मान्यताओं के अनुसार Basant Panchami बसंत पंचमी के दिन कामदेव की भी पूजा करने की परंपरा है। कहा जता है कि कामदेव प्रेम और काम स्वामी हैं। मान्यता है कि अगर कामदेव नहीं होते तो सृष्टि का सृजन रुक जाता। प्रेम का भाव प्राणियों से खत्म हो जाएगा। इसलिए कामदेव का विशेष स्थान प्राप्त है।
अब सवाल यह उठता है कि Basant Panchami के दिन ही कमदेव की पूजा क्यों की जाती है। इस संदर्भ में पौराणिक मान्यता है कि बसंत ऋतु दरअसल कामदेव के मित्र हैं। इस ऋतु में मौसम मनोरम हो जाता है। प्रकृति में एक अलग सौन्दर्य निखर कर नजर आता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कामदेव के पास फूलों से बना एक विशेष धनुष होता है ।
कहा जाता है कि कामदेव जब इस धनुष से तीर छोड़ते हैं तो किसी का प्रेम पास से बचना नामुमकिन है। यहां तक कि कामदेव का वाण देवताओं और ऋषियों तक को भी घायल क चुका है। कामदेव का बाण सीधे हृदय पर वार करता है, जिससे प्रेम और काम का भाव का जन्म लेता है। काम देव के इस कार्य में उनकी पत्नी रति भी सहायता करती हैं। इसलिए कामदेव के साथ-साथ उनकी पत्नी देवी रति को भी पूजने की परंपरा है।