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भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना सावन शुरू हो चुका है। सावन का पहला सोमवार आज है। मान्यता है कि भगवान शिव का प्रिय महीना होने के कारण सावन पवित्र और शुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावन भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक करने से देवाधिदेव महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सावन में भवान शिव का रुद्राभिषेक करने से भक्तों को मनचाहा वरदान मिलता है। इसके साथ ही सावन के सोमवार का व्रत रखना भक्तों के लिए विशेष फलदायी सिद्ध होता है।
ऐसी मान्यता है कि कुंवारी कन्याएं अगर सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं तो उन्हें मनचाहा पति प्राप्त होने का वर मिला हैं, वहीं विवाहित महिलाएं सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं तो उन्हें अखंड सौभाग्यवती रहने का वरदान मिलता है। आइए जानते हैं सावन के सोमवार के व्रत की पूजा सामग्री और व्रत की पूर्ण विधि
पूजा सामग्री
मान्यताओं के अनुसार सावन के सोमवार को शिव जी की पूजा के समय चंदन, इत्र, बेलपत्र, अक्षत, दही, गंगाजल, घी, केसर, गन्ना, धतूरा, भांग, आक का फूल, चमेली, जूही, अलसी या कनेर का फूल और शहद अवश्य चढ़ाए। हां यह ध्यान रहे कि भगवान शिव पर केतकी और केवड़ा पुष्ण न चढ़ाएं। धर्मशास्त्रों में मान्यता है कि सावन के सोमवार को भगवान शिव की पूजा में इन वस्तुओं को अर्पित करने से देवाधिदेव प्रसन्न होते हैं।
सावन में सोमवार को शिव चालीसा का पाठ जरूर करें
प्रात: काल नित्यकर्म से निवृत्त हो कर स्नान करें। घर के पूजा घर की साफ-सफाई कर भगवान भोलेनाथ की आराधना करें। यदि आप मंदिर जाते हैं तो वहां भगवान शिव का जलाभिषेक करें। उपर लिखी सामग्री से शिवलिंग पर अर्पित करें। पूजा के बाद शिव चालीसा का पाठ और मंत्र जाप अवश्य करें। सावन में सात्विक भोजन करें। दुर्व्यसनों से दूर रहें।