लखनऊ Lucknow : राम चरित मानस पर विवादित टिप्पणी कर चर्चा में बने रहे समाजवादी पार्टी के महासचिव और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर एक युवक ने जूता फेंका। यह घटना सोमवार को लखनऊ Lucknow के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित पिछड़े वर्ग महासम्मेलन में हुआ।
बताया जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य इस संम्मलेन में भाग लेने पहुंचे थे। हलांकि जूता स्वामी प्रसाद को नहीं लगा। इस घटना से गुस्साए स्वामी प्रसाद के समर्थकों ने युवक को पकड़ लिया और उसे दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। हलांकि पुलिस ने जूता फेंकने वाले युवक को जैसे-तैसे बचाकर पुलिस थाने ले गई। जूता फेंकने वाला युवक वकील के भेष में आया था। बताया जा रहा है कि वह सैन समाज का कार्यकर्ता है। जूता फेंकने वाला युवक की पहचान लखनऊ के रहने वाले आकाश सैनी के रूप में हुई है। स्वामी प्रसाद पर जूता फेंके जाने के मामले में सियासत भी गर्मा गई है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस घटना को भाजपा की साजिश बताया है।
यह है मामला
सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में पिछड़े समाज में जन्मे महापुरुषों के विचारों की प्रासंगिकता पर एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य को पहुंचना था। बताया जा रहा है स्वामी प्रसाद मौय अखिलेश यादव से पहले लगभग 12 बजे सम्मलेलन स्थल पर पहुंचे। जब वह सभा स्थल पर पहुने ही वाले थे कि भीड़ में से अचानक एक युवक ने सामने आकर उनपर जूता फेंक दिया। इससे वहां माहौल गर्मा गया और सपा समर्थकों ने युवक को पकड़ कर लात घूसों और बेल्ट से पिटाई की। हलांकि कुछ समय बाद पुलिस ने किसी तरह युवक को बचाकर थाने ले गई।
स्वामी प्रसाद पर जूता तो पड़ना ही था
स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंकने वाला युवक आकाश सैनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आकाश सैनी सैन समाज का सदस्य है। आकास का कहना है कि वह रामचरित मानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी से वह काफी आहत था। आकाश ने कहा कि श्री राम चरित मानस पर गलत टिप्पणी करने वाले पर एक न एक दिन जूता पड़ना ही था। बताया जा रहा है कि कार्यक्रम स्थल पर लगे पोस्टर में उसके समाज के नेता राम अवतार सिंह सैनी का नाम स्वामी प्रसाद मौर्य से नीचे था, जो उसे नगवार लगा।
इधर, स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि वह डरने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि आज जो उनके साथ हुआ है। इस घटना को भाजपा के एक जूनियर वकील ने अजांम दिया है। इसी तरह अखिलेश यादव ने भी इसे भाजपा की साजिश बताया।