रजनीश कुमार मिश्र, मोहम्मदाबाद ( गाजीपुर): माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी का वीरवार को उत्तर प्रदेश के बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में हार्टअटैक से मौत हो गई । माफिया मुख्तार अंसारी एक ऐसा शख्स था । जो हथियारों और गोल्डन फ्रेम के चश्में का शौक रखता था । यही नहीं मुख्तार अंसारी का निशाना भी अचूक था। मुख्तार के बारे में कहा जाता है कि वह उड़ते हुए परिंद पर भी सटीक निशाना लगा लेता था।
2004 में एलएमजी खरीदने का मुख्तार पर लगा आरोप
मुख्तार अंसारी हथियारों का इतना शौकीन था की उसके उपर अवैध असलहे रखने का आरोप लगता रहा । मुख्तार अंसारी बर्ष 2004 में सेना से एक भगौड़े से लाइटमशीनगन खरीदने का डील करने लगा । इसकी भनक जैसे ही प्रशासन को हुई तो प्रशासन की चूलें हील गई । तब पुलिस ने मुख्तार के पर पोटा के तहत मुकदमा दर्ज किया था । उस समय प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी। मुख्तार को गिरफ्तार करने वाले तत्कालीन पुलिस अधिकारी से मुख्यमंत्री मुलायम की अनबन की खबर भी सामने आई। यह बात इतनी बढ़ गई कि उस पुलिस अधिकारी को नौकरी तक छोड़नी पड़ गई।
बेटे को बनाया अंतरराष्ट्रीय शूटर
मुख्तार अंसारी अपने बड़े बेटे अब्बास अंसारी को पंजाब कनेक्शन का फायदा उठाते हुए । अंतरराष्ट्रीय शूटर बना दिया। अब्बास अंसारी पर हथियारों का इतना भूत सवार हुआ की वो मेडल लाने के बजाय प्रतिबंधित असलहे रखना शुरू कर दिया । इस मामले में एसटीएफ ने अब्बास पर शिकंजा भी कसा । और अब्बास इस समय चित्रकूट की जेल में बंद है।
2005 से जेल में बंद था मुख्तार
मुख्तार अंसारी वर्ष 2005 से हैं जेल में बंद था । 2005 में हुए एक चुनाव के दौरान मऊ में दंगा भड़काने का भी मुख्तार पर आरोप लगा था । इसी दौरान 2005 में ही कृष्णानंद राय की हत्या हो गई । जिसमें मुख्तार अंसारी को नामजद किया गया था । तब से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था ।