UP Election 2022 : कौशांबी। जैसे-जैसे चुनाव की तीथियां नजदीक आती जा रही हैं वैसे-वैसे प्रचार के रंग भी चोखे होते जा रहे है। सोमवार को उत्तर प्रदेश के कौशांबी में एक ऐसा ही नजारा देखने को मिला। भोले शंकर नाम ही एक प्रभु परमात्मा का मिलन है। इस अनोखे नाम के सुमिरन से सभी पाप कट जाते हैं। इसी कड़ी में उपमुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र सिराथू में बचपन का लंगोटिया यार बेटे के साथ अनोखी स्लोगन गाड़ी लेकर प्रचार करने के लिए निकल पड़ा है। इस दौर में दोस्त और दोस्त का बेटा अपने मालिक की वफादारी को अपनी जिम्मेदारी समझता है।
2022 विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेजी से चल रही है एक फरवरी से 8 फरवरी तक नामांकन दाखिल होगा। इसके बाद 27 फरवरी को मतदान होगा। इस बार कोरोना महामारी के कारण चुनाव आयोग द्वारा रैलियों व जन सभाओं पर रोक लगा दी गयी है। इससे प्रचार-प्रसार धीमी गति से चल रहा है। जबकि वर्चुअल रैली का चुनाव आयोग ने आदेश जारी किया है। UP Election 2022 : इसी क्रम में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ बचपन से जवानी जिंदगी को खपाने वाले भोले शंकर अपने बेटे के साथ बाइक में बनी अनोखी प्रचार वाहन के साथ सिराथू विधानसभा के गांव में प्रचार करने के लिए निकल पड़ा है। भोले शंकर अद्भुत प्रभु का नाम है। जिनके सुमिरन करने से सभी पाप कट जाते हैं।
प्रचार प्रसार की अनोखी गाड़ी
अनोखी प्रचार-प्रसार की गाड़ी पर बाप बेटे अपने मालिक की वफादारी पर क्षेत्र के गांव में भ्रमण कर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। गाड़ी में एक तरफ लिखा है उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जिंदाबाद तो दूसरी तरफ अबकी बार भाजपा सरकार का स्लोगन वाहन की शोभा बढ़ा रहा है। इससे जनता गौमुख होकर वाहन के पास आकर प्रचार वाहन में लगे ध्वनि विस्तारक यंत्र से तरह-तरह के गाने सुनकर भाजपा की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
गाड़ी पर लगी सीएम की विकास योजनाओं की तस्वीर
अनोखी प्रचार वाहन गाड़ी से किसी को कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन गाड़ी में बंधा हार्रन उप मुख्यमंत्री के विकास योजनाओं की तस्वीर को उजागर कर रहा है। भोले शंकर बहुत ही कर्मठ सील और इमानदार कर्मचारी होने के साथ-साथ एक सरल स्वभाव के प्रतिनिधि हैं। जो उप मुख्यमंत्री के दाहिना अंग कहलाते हैं। भोले शंकर ने बचपन से जवानी की जिंदगी उपमुख्यमंत्री के सानिध्य में गुजार दिया। लेकिन कभी भी भोले शंकर ने उपमुख्यमंत्री के नमक को खाने के बाद नमक हलाली नहीं किया। इससे साफ जाहिर होता है कि सिराथू विधानसभा में त्रिकोणी संघर्ष दिखाई दे रहा