
29 जानवरी को रामचरितमानस जलाने के आरोप में पकड़े गए ओबीसी महासभा के सदस्य। सौ: सोशल साइट
Lucknow : रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के आरोप में लखनऊ Lucknow जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वालों में दो आरोपियों सत्येंद्र कुशवाहा और सलीम पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगा दिया है। यह कार्रवाई Lucknow के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने की है। रमाचरितमानस की प्रतियां जलाने के मामले समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य सहित दस लोगों को आरोपी बनाया गया है।
उल्लेखनीय है की रामचरितमानस पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान आने के बाद 29 जनवरी को अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों ने रामचरितमानस की प्रतियां फाड़ कर जला दी थी। साथ ही महासभा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद के बयान के समर्थन में सनातन धर्म संस्कृति और श्रीरामचरितमानस की चौपाई पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। सोशल मीडिया पर रामचरितमानस जलाए जाने की वीडियो भी वायरल की थी।
इस घरटना के बाद अखिल भारत हिंदू महासभा सहित कई अन्य हिंदू संगठनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किए थे। इसके बाद पीजीआई पुलिस को ऐशबाग में रहने वाले भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला कार्य समिति के सदस्य सतनाम सिंह उर्फ लवी ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था।
इस आधार पर पूर्व मंत्री और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य, देवेंद्र सिंह, यशपाल सिंह लोधी, सत्येंद्र कुशवाहा, महेंद्र प्रताप यादव, सुजीत यादव, नरेश सिंह, एसएस यादव, संतोष वर्मा, सलीम अन्य लोगों को पर केस दर्ज करवाया था। इसमें बाद पुलिस 30 जनवरी को पांच आरोपी सत्येंद्र कुशवाहा, देवेंद्र प्रताप यादव, यशपाल सिंह, सुरेश सिंह यादव और मो. सलीम को काबू कर जेल भेज दिया था।
जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने रविवार को जेल में बंद सलीम और सतेंद्र कुशवाहा के खिलाफ NSA की कार्रवाई होने का आदेश जारी किया। ADCP पूर्वी अली अब्बास के मुताबिक आरोपी सतेंद्र और सलीम के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया गया है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जांच में सामने आया कि ओबीसी महासभा को स्वामी प्रसाद के समर्थन में सिर्फ रामचरितमानस की प्रतियां लहराकर प्रदर्शन करना था लेकिन, सलीम ने उन्हें उकसाया और मानस की प्रतियों को लहराकर जला दिया गया।