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झरोखा डेस्क । उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। इसके साथ ही जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के भी चुनाव एक साथ ही होने हैं यानी त्रिस्तरी पंचायत चुनाव होने हैं। कयास लगाया जा रहा है कि यह चुनाव अप्रैल के अंत तक हो जाने हैं। ऐसे में कहीं-कहीं दाल बाटी तो कहीं बाटी चोखा का दौर शुरू हो चुका है। दूसरे शब्दों में कहें तो इस समय पूरा उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों के रंग में रंग चुका है। ऐसे में आपको यह जान लेना जरूरी है कि भारत में किस तरह के पंचायत की व्यवस्था है। तो आइए पहले हम आपको पंचायत की व्यवस्था बताते हैं।
त्रिस्तरीय है पंचायत की व्यवस्था
गांवों में विकास को गति देने के लिए गणराज्य भारत में तीन स्तर के पंचायत की व्यवस्था की गई है। तीन स्तर के पंचायत में पंच-सरपंच से लेकर कई पदों का सृजन किया गया है। इसमें ब्लाक प्रमुख का पद बहुत ही महत्व पूर्ण है। ब्लाक प्रमुख अपने क्षेत्र का विकास करवाता है।
केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से गांवों के विकास के लिए जारी धनराशि का सही इस्तेमाल ब्लाक प्रमुख द्वारा ही किया जाता है। इसके लिए ब्लाक प्रमुख और उसके कार्यों के बारे में भी जानलेना उताना ही आवश्यक है, जितना कि ग्राम पधानों के बारे में। तो आइए thejharokha.come के इस पेज पर आप को ब्लाक प्रमुख के बारे में बताए इससे पहले आप यह जान लें कि ब्लाक क्या होता है।
ग्राम पंचायतों का ‘सचिवालय’ है ब्लाक
केंद्र सरकार को प्रांतीय सरकार यानी प्रदेशों में विभाजित किया जाता है। इसी तरह राज्यों को जिलों में और जिलों को तहसीलों में और तहसीलों को ब्लाक में विभाजित किया जाता है। ब्लाक को ग्राम पंचायत में विभाजित किया जाता है और ग्राम पंचायत को गांवों विभाजित किया जाता है। ताकि देश के प्रत्येक गांवों में ब्लाक प्रमुखों और ग्राम प्रधानों के माध्यम से सरकारी सुविधाएं एक-एक व्यक्ति तक पहुंचाई जा सके।
कैसे होता है ब्लाक प्रमुख का चुनाव
ग्राम प्रधानों की तरह ही ब्लाक प्रमुख का चुनाव प्रत्येक पांच वर्ष बाद होता है। पांच साल में ही ग्राम पधान और क्षेत्र पंचायत के सदस्य का चुनाव होता है। प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य का चयन गांव की जनता द्वारा किए गए मतदान से होता है, जैसे विधायक और सांसद का चुनाव होता है। इसके बाद निर्वाचित हुए क्षेत्र पंचायत सदस्यों में से किसी एक का मतदान के द्वारा ब्लाक प्रमुख के पद पर चयन किया जाता है।
यहां सबसे महत्वपूर्ण बाह यह है कि ग्राम प्रधान और पंचायत सदस्य का चयन तो जनता करती है, लेकिन ब्लाक प्रमुख का चुनाव केवल क्षेत्र पंचायत सदस्य ही अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुनते हैं, जैसे राज्यसभा सदस्य का चुनाव विधायक और सांसद करते हैं।
ब्लाक प्रमुख पद का गठन
कम से कम दो या दो से अधिक ग्राम पंचायत मिल कर एक ब्लॉक का गठन करते है, इसके बाद प्रत्येक ग्राम में दो या दो से अधिक क्षेत्र पंचायत सदस्य का निर्वाचन किया जाता है, यह संख्या गावं की आबादी पर निर्भर करती है। इस प्रकार क्षेत्र पंचायत सदस्य मिलकर ब्लाक प्रमुख को चुनते हैं।