लखनऊ: इन दिनों उत्तर प्रदेश सरकार के दो सहयोगी दलों के दो बेड़े नेता मीडिया की सुर्खियों में हैं । इनमे एक हैं निषाद पार्टी अध्यक्ष और कैबिनेद मंत्री संजय निषाद तो दूसरे हैं RLD (राष्ट्रीय लोक दल) के अध्यक्ष और सरकार में मंत्री जयंत चौधरी। दिन दोनों नेताओं भाजपा सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
पिछले दिनों निषाद पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि आप कहें तो हम गठबंधन छोड़ देते हैं। इस तरह अभी दो दिन पहले RLD प्रमुख और मंत्री जयंत चौधरी ने भी उत्तर प्रदेश सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा था कि फैसला आप को लेना है आप जो कहें हम करने को तैयार है।
जयंत चौरी खाद के मुद्दे पर किसानों से चचा करते हुए यह बात कही थी। उन्होंने कहा था कि हम आप (किसानों) के नेता हैं, आप जैसा कहेंगे मैं वैसा ही करूंगा। बहरहाल राजनीति जानकार इसे उत्तर प्रेदश योगी सरकार पर दबाव बनाने राजनीति मानते हैं। उनका कहना है कि छोटे दल सरकार पर दबाव बनाने के लिए ऐसा कहते रहते हैं। बहरहाल बात जयंत चौधरी की है तो उनकी नजर मुजफ्फर नगर संसदीय सीट पर है, जहां से सपा के सांसद चुन कर गए है। बता दें कि यहां भाजपा के संजीव बालयान चुनाव हार चुक हैं।
अब बात करते हैं संजय निषाद की तो पिछले दिनों उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने को लेकर बड़ा दिया था। उनके इस बयान ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी। साथ ही, ऐसी चर्चाएं शुरू हो गई थी कि क्या संजय निषाद बीजेपी में परेशान है या फिर इसके पीछे कोई ‘पावर गेम’ है?
हालांकि, इन सभी चर्चाओं पर विराम लगाते हुए कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा कि गठबंधन तोड़ने का बयान हमने अपने समाज के लिए दिया था। वहीं, अब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि गठबंधन में कोई दिक्कत नहीं है।
संजय निषाद ने कहा कि हम बीजेपी के सहयोगी दल हैं और फर्जी पीडीए (PDA) को विधानसभा चुनावों में हराएंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने प्रदेश की 11 एमएलसी सीटों पर चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया।