panchaayat chunaav se pahale jaanalen graam pradhaan ke kaary, aaenge aapake kaam
रजनीश मिश्र, गाजीपुर
देशे के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में अगले साल 59163 ग्राम पंचायतों के चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए संबंधित विभाग परिसिमन से लेकर मतदाता सूचियों के संशोधन सहित अन्य महत्व पूर्व कार्यों में लग गए हैं। यही नहीं इसी सप्ताह प्रदेश के सभी ग्राम प्रधानों का चार्ज भी होने वाला है। ऐसे में सभी सरपंच या प्रधान अपने बचे हुए कार्यों को शीघ्र पूरा करवा कर दोबारा चुनाव मैदान में उतरने की तैयारियों में जुट गए हैं।
यहीं नहीं, कहीं दाल बाटी तो कहीं बाटी चोखा सहित तरह-तरह के दावतों का दौर भी चल पड़ा है। और तो और कुछ ग्राम प्रधान ऐसे भी हैं जो गत पांच सालों तक को गांव के विकास को लेकर उदासीन रवैया अपनाते रहे, लेकिन नवंबर-दिसंबर में अचानक विकास कार्यों की याद आ गई।
इसके लिए वह निर्माण कार्यों में घटिया मेटिरियल लगाने से भी बाज नहीं आ रहे। यहीं नहीं कुछ ग्राम प्रधान जरूरतमंद ग्रामीणों से फ्री ऑफ कास्ट free of cost मिल रही सरकारी सुविधाओं को दिलवाने के नाम नाम रिश्वत भी लेते देखे गए हैं। ताजा मामला जिले के गांव टोडरपुर में और नसीरपुर गंधपा में देखने को मिला, जहां खंड विकास अधिकारी के मना करने के बावजूद घटिया निर्माण सामग्री से पंचायत भवन बनवाया जा रहा है।
आज हम आप को ग्राम प्रधान के कार्य के बारे में आप को बताने जा रहें जो पंचायत चुनाव के बाद आपके काम आएगा। क्योंकि गांव का प्रथम नागरिक होने के नाते गांव के विकास कार्यों का भी दायित्व है, जिसके लिए आप उसे चुन कर अपनी ग्राम पंचायत का मुखिया बनातें।
तो आइए जानते हैं ग्राम प्रधान के कार्य
- गांव में सड़कें बनवाना और उनकी देखरेख करना ग्राम प्रधान का कार्य होता है। गांव की कच्ची सड़कों और गलियों को पक्की करवाना, नालियां बनवा और जलनिकासी का प्रबंध करना प्रधान का काम होता है। यदि किसी गांव में पक्की सड़क नहीं है तो उस गांव में पक्की सड़क भी बनवाना प्रधान का काम होता है।
- डेयरी फार्मिंग को प्रोत्साहित करना भी गांव के मुखिया का कार्य होता है। ग्रांवों में पशुपालन ग्रामीणों के आय का अच्छा साधन है। ग्राम प्रधान का फर्ज बनता है कि वह पशुपालन और डेयरी फर्मिंग से संबंधित सरकारी योजनाओं की जानकारी ग्रामीणों, किसानों और पशुपालकों को दे। पशुपालन के गांव के लोगों को प्रोत्साहित करे। यही नहीं ग्राम समीतियां बना कर दूध की डेयरी खोलवाए और पशुओं का टीकाकरण भी करवाए।
- चारागाह और पशुओं के लिए पानी व्यवस्था करवाना भी सरपंच का काम होता है। ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी बनती है कि वह पशुओं के लिए चारागाह और पानी की व्यवस्था करे। जो तालाब खुदवाए उसमें पशुओं के लिए अलग से घाट बनवाए।
- स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांवों की साफ सुथरा बनाए रखना भी ग्राम प्रधान का ही कार्य होता है। इसके लिए व गांव के लोगों को प्रेरित करे। गलियों, नालियों की सफाई पर ध्यान दें। सफाई सेवकों के कार्यों का नीरिक्षण करे। टीकाकारण के आशा वर्करों के साथ गोष्ठियों का आयोजन करे और करवाए एवं जागरूकता रैली निकाल कर लोगों को बीमारियों से बचने की जानकारी देना भी ग्राम प्रधान का कार्य होता है।
- गांवों को हराभरा बनाना भी ग्राम प्रधान का ही कार्य होता है। इसके तहत गांव की सड़कों के किनारे पौधे लगवाना और इसके लिए लोगों को प्रेरित करना भी एक आदर्श ग्राम प्रधान का कार्य होता है, ताकि पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना आदि कार्य शामिल हैं।
- सार्वजनिक स्थलों पर बिजली और पानी का प्रबंध करना ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी होती है कि गांव में बने सार्वजनिक स्थालों पर प्रकाश और पानी का प्रबंध होना चाहिए। इसके साथ ही गांव में विभिन्न धर्म के लोगों के लिए अलग-अलग श्मशान घाट और कब्रिस्तान का भी प्रबंध होना चाहिए।
- गांव में शिक्षा को बढ़ावा देना ग्राम प्रधान का काम होता है। ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी होती है, कि वे बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाएं और समय-समय पर जागरूकता रैली निकालकर गांव के लोगों को शिक्षा के महत्व को समझाएं ताकि गांव का प्रत्येक बच्चा शिक्षित हो सके। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बिजली पानी का प्रबंध करना प्रधान की जिम्मेदारी होती है।
- गांव में बच्चों के लिए खेल के मैदान का इंतजाम करना एवं खेल से संबंधित सामानों की व्यवस्था करना ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी होती है। इसके अतिरिक्त खेल से जुड़े हुए विभिन्न प्रतियोगिताओं को समय-समय पर आयोजित करना ग्राम प्रधान का कार्य होता है।
- ग्राम पंचायत की जमीनों को ठेके पर दे कर उससे अर्जित आय को गांवों के विकास मे लगाने कार्य भी प्रधान की जिम्मेदारी होती है, इसके अलावा पंचायत जमीन से अतिक्रमण हटवाना और अतिक्रमण न होने देना भी प्रधान की ही जिम्मेदारी होती है।
- प्रत्येक गांव में एक आंगनवाड़ी केंद्र होता है। जिसमें बच्चों, किशोरियों एवं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी आंगनवाड़ी में कार्य करने वाले कर्मचारियों की होती है। इन सभी की देखरेख करने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होती हैं।
- ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी होती है कि गांव में किसी धर्म या समुदाय के मध्य लड़ाई झगड़े जैसा माहौल न बनने पाए। इसके अलावा किसी भी प्रकार की समस्याओं को सुलझाने जैसी अनेक कार्य ग्राम प्रधान का होता है। ग्राम प्रधानों के अन्य अनेक कार्य हैं, जैसे स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना, गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था करना, गांव में जन्मे बच्चों एवं वृद्धों की मृत्यु तथा विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना, मछली पालन को बढ़ावा देना आदि अनेक कार्य होते हैं।
Related post : उत्तर प्रदेश ग्रामपंचायत चुनाव : जान लें यह बात नहीं तो, नहीं लड़ सकेंगे परधानी