हेल्थ डेस्क। प्रदूषण के कारण अस्थमा मरीजों को हर मौसम में बड़ी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके कारण अस्थमा रोगियों को बेचैनी, खांसी और सांस लेने में परेशानी जैसी दिक्कतें होती है। खराब एयर क्वीलिटी सांस की बीमारी भी पैदा कर सकती है, इसलिए भीड़भाड़ वाले स्थानों, जहां कांस्ट्रक्शन के काम चल रहे हैं वहां और प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से बचें। कोशिश करें की घरे से बाहर निकलते समय मास्क लगाकर चले। धूक्रपानी से बचे और और ऐसी जगहों पर जाने से परहेज करें। साथ ही खानपान का ध्यान रखें, ताजा भोजन करें। सर्दी का मौसम चल रहा है, ऐसे में गर्म वस्त्र पहन कर रहें।
आयुर्वेद के मुताबिक अस्थमा के मरीजों को रात में दूध नहीं पीना चाहिए। अगर कैल्शियम की पूर्ति के लिए दूध पीना ही चाहते हैं,तो इसमें चुटकी भर काली मिर्च और हल्दी पाउडर डालकर पिएं। इसके अलावा सुबह खाली पेट शहद के साथ लहसुन की एक या दो कली खाना न भूलें। यह अस्थमा मरिजों के लिए लाभकारी हो सकता है। लेकिन इससे पहले लहसुन की कलियों को करीब आधा मिनट धूप में रखें ऐसा करने से लहसुन ऑक्सीडाइट हो जाए। ऐसा करने से आपके फेफड़े का वायुमार्ग साफ होगा। सांस के रोगियों को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा अपने बेड रूम, बिस्तर, चादर, तौलिया और रुमाल को साफ करते रहें। समय समय पर चिकित्सकीय परामर्श लेते रहें और स्वस्थ रहें।