
agar aap ke gaanv ka pradhaan sarakaaree phand mein kar raha hai ghapala to is tarah karen shikaayat
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों के कार्यकता 31 दिसंबर को समाप्त होने वाले हैं। जबकि नए पंचायत चुनाव की तिथि भी अगले साल यानी मार्च 2021 में होोने ए पंचायती राज चुनाव विभाग जोरशोर से तैयारियों में जुटा है।
ऐसे में आप को यह जान लेना आवश्यक है कि यदि आप के ग्राम प्रधान में गांव के विकास के लिए आया सरकारी धन विकास कार्यों में खर्च न कर सरकारी अधिकारियों की मीलीभगत से डकार गया है तो इसकी शिकायत कहां और कैसे करें। आज के इस अंक में हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि इसकी शिकायत कहां और कैसे करनी है।
आरटीआई के तहत इस तरह दर्ज करवाएं शिकायत
यदि आपको लगता है कि आप के ग्राम प्रधान या सरपंच ने गांव के विकास के लिए आई ग्रांट का दुरुपयोग किया है तो इसकी शिकायत आप आरटीआई के माध्यम से कर सकते हैं।
इसके लिए आप सबसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार या जिस प्रदेश में रहते हैं उस सरकार की वेबसाइट (https://www.planningonline.gov.in/) पर जाकर के सारा डाटा चेक करना होगा। plan Plus यह यूपी गवर्नमेंट यानी उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट है जिस पर gram panchayat के सारे खर्चे का विवरण दिया हुआ है।
यह विवरण इसलिए दिया हुआ है कि ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान, सचिव और भी बाकी जो अधिकारी हैं भ्रष्टाचार न कर सके। फिरभी आपको लगता है कि यह अधिकारी और ग्राम प्रधान मिलकर सरकारी धन को लूट रहे हैं तो ग्राम प्रधान यानी सरपंच की शिकायत दर्ज करनी है। सबसे पहले plan Plus website को ओपन करें। आपको किसी भी ब्राउज़र में (https://www.planningonline.gov.in) टाइप करना है।

उसके बाद देश का सारा प्रदेश शो करेगा। इसके बाद आपको अपना प्रदेश सेलेक्ट करना है। फिर जैसे ही आप अपने प्रदेश के रिकार्ड पर क्लिक करेंगे तो राज्य के सभी जिले आपको शो करने लगेंगे। इसके आपको अपना जिला सेलेक्ट कर लेना है। फिर आपके जिले में जितनी भी ब्लाक पंचायतें हैं वह शो करने लगेंगी। इनमें से आपको अपनी ब्लाक पंचायत सेलेक्ट करना है। इसके बाद आपको अपनी ग्राम पंचायत क्षेत्र चयन करना है।
इसके बाद Gram Panchayat & equivalent कॉलम में क्लीक कर देना है। लास्ट में व्यूज का ऑप्शन उस पे क्लिक कर देना है। क्लिक करने के बाद आपको वहां पर सारा डाटा शो करेगा कि आपके ग्राम प्रधान को साल में कितने पैसे आए हैं और वह कहां कहां खर्च किया है। इन सारी चीजों कीजानकारी आपके कंप्यूटर या लैपटाप या एंड्राइड मोबाइल की स्क्रीन पर शो कने लगेगा। इसे देखने के बाद आप उसका पीडीएफ डाउनलोड कर प्रिंट निकलवा लें ।
इसके बाद इसमें जितने भी कार्य फंद आने के बाद भी गांव में नहीं करवाएं गए हैं उन्हें मार्कर पेन से हाइलाट कर लें कि यह काम आपके गांव में नहीं हुआ है और इतने पैसे इसमें खर्च हुए हैं। उसको एक सादे पेज पर लिख लें कि यह कार्य हमारे गांव में नहीं हुआ है और इसमें इतने पैसे खर्च हुए हैं। इनका सारा विवरण तैयार कर ग्राम प्रधान की शिकायत करने के िलए गुगल डाट कॉम (google.com) को अपने कंप्यूटर, लैपटाप या मोबाइल के ब्राउजर में जाकर खोलना है। इसके बाद सर्च बाक्स में जाकर आरटीआई टाइप करना है।
इस वेबसाइट का नाम है (https://rtionline.gov.in) जब यह वेबसाइट खुल जाए। इसके अंदर submit request पर क्लिक करना है। सबमिट रिक्वेस्ट पर क्लिक करने के बाद इस वेबसाइट की गाइडलाइन खुल करके आ जाएगी। उस गाइडलाइन में नीचे जो चेक का आप्शन बना है उस पर चेक कर देना और सबमिट पर क्लिक कर देना है।
क्लिक करने के बाद आपको एक फार्म खुल करके आ जाएगा। उस फार्म को आप को भर देना है। भरने के बाद नीचे डिस्क्रिप्शन बॉक्स में आपको अपना शिकायत लिख देना है। लिखने के बाद Supporting document ऑप्शन में जो आपने सादे कागज पर लिखा है और प्लान प्लस का प्रिंटआउट जो आपने मार्क कर रखा है कि यह काम नहीं हुआ है वह दोनों फाइल यहां पर अटैच करके Enter security code में कोड भरने के बाद सबमिट कर दें।
सबमिट करने के बाद आपको यहां पर पेमेंट का आप्शन आएगा। जिसमें मात्र आपको Rs.10 का पेमेंट करना है। यह पेमेंट नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड से कर सकते हैं। पेमेंट करने के बाद आपको एक ट्रैकिंग नंबर मिलेगा। उसे आप नोट कर लें और आरटीआई के साइट पर View Status पर क्लिक करके अपने शिकायत का स्टेटस चेक करते रहें।
एक माह का लगता है समय
इस पूरी प्रिक्रया में पूरे एक माह का समय लगता है। एक माह के भीतर ग्राम पधान को इन सारी चीजों की जानकारी देनी होती है। ग्राम प्रधान को बताना पड़ता है िक उसने यह कार्य क्यों नहीं करवाया और इसका पैसा कहां गया। िकस मद में खर्च हुआ। अगर वह आरटीआई का जवाब नहीं देता है तो उसपर कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
अगर आप के गांव का प्रधान सरकारी फंड में कर रहा है घपला तो इस तरह करें शिकायत