रजनीश कुमार मिश्र गाजीपुर । पुर्णिया से सासंद पप्पू यादव अपने ग्यारह समर्थकों के साथ गुरुवार को गाजीपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए। जहां से उन लोगों को 50 हजार के मुचलके के बाद जमानत दे दी गई तो वहीं अगली तारीख चार दिसंबर मुकर्रर की गई है । इस दौरान कोर्ट के बाहर पप्पू यादव के भारी संख्या में समर्थक मौजूद रहे ।
ये हैं मामला
पप्पू यादव के उपर आदर्श आचार संहिता के तहत मुकदमा दर्ज था । बता दें की 8 नवम्बर 1993 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान पप्पू यादव अपने समर्थकों के साथ विहार से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद जा रहे थे । इसी दौरान मुहम्मदाबाद कोतवाली के शहनिंदा चौकी पर वर्तमान चौकी प्रभारी ने पप्पू यादव व उनके साथ चल रहे काफिले को रोक चुनाव का हवाला देते हुए आदर्श आचार संहिता का उलंघन की जानकारी देते हुए काफिले को रोक दिया था । उस वक्त पप्पू यादव व पुलिस के बीच नोंक-झोंक होने लगा काफी समझाने के बावजूद भी पप्पू यादव व उनके समर्थक पुलिस से भिड़ते रहे । तब पुलिस ने पप्पू यादव व उनके ग्यारह समर्थकों के उपर आचार संहिता के उलंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज कर दिया ।
पप्पू यादव व उनके ग्यारह समर्थक तीस साल बाद गाजीपुर कोर्ट से बरी हो गये थे । लेकिन सरकारी वकील द्वारा इस केश को जनपदीय जज के पास फिर से अपील किया गया । जिसका पत्रावली एडीजी सिनियर डिविजन एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था । पप्पू यादव व उनके ग्यारह समर्थकों को कोर्ट द्वारा बार बार सम्मन भेजने के बावजूद भी कोर्ट में पेश नहीं हुए तब कोर्ट ने पप्पू यादव व उनके ग्यारह समर्थकों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया गया । तब पप्पू यादव अपने समर्थकों के साथ गुरुवार को कोर्ट में पेश हुए।
पच्चास हजार मुचलके पर पप्पू यादव को किया गया रिहा
पप्पू यादव के अधिवक्ता ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया। तो उसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 50 हजार के मुचलके पर पप्पू यादव व उनके समर्थकों को रिहा किया । व अगली तारीख चार दिसंबर मुकर्रर किया गया। इस दौरान मिडिया ने ने लारेंस पर सवाल पुछा तो पप्पू यादव ने कहां की गाजीपुर आते वक्त हमें लारेंस के तरफ से जान से मारने की धमकी मिली है ।