krishi kaanoon ke khilaaph dharane par baithe panjaab ke kisaan kee maut, ab tak das kisaan ganva chuke hain jaan
चंडीगढ़। कृषि सुधार कानून के खिलाफ धरने पर बैठे एक किसान की मंगलवार को मौत हो गई। बताया जा रहा है कि 74 वर्षीय यह किसान कुंडली बार्डर पर किसान यूनियनों के साथ धरने पर बैठा। जिसके सीने में बाद दोपहर करीब एक बजे सीने में दर्द उठा और उसने दम तोड़ दिया। किसान की मौत की सूचना पर कुंडली थाना पुलिस अस्पताल में पहुंची। उन्होंने कहा कि किसान अपनी लड़ाई आखिरी दम तक जारी रखेंगे।
मृतक किसान की पहचान गुरमीत सिंह निवासी गांव कांडला के रूप में हुई। किसान आंदोलन के दौरान यह दसवीं मौत बताई जा रही है। इससे पहले भी कृषि सुधार कानून के खिलाफ धरने पर बैठे नै किसानों की मौत हो चुकी है।
बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ पंजाब के किसानों में जबरदस्त उबाल है। किसानों का मानना है कि यह कानून लागू होते ही वह पंजीपतियों के बंधक हो जाएंगे और उनकी जमीनें उनसे छीन ली जाएंगी।
कानून को रद करवाने की मांग को लेकर पिछले तीन महीनों से किसान धरने पर डटे हुए हैं। पहले पंजाब में और अब करीब २० दिनों से दिल्ली बार्डर पर डटे हुए हैं। सोमवार को भी पंजाब के किसानों ने जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर रोष जताया था।
सोमार को भी हो चुकी है एक किसान की मौत
बतादें कि धरना प्रदर्शन के दौरान सोमवार को भी एक किसान की हार्टअटैक से मौत हो गई थी। अब तक दस किसानों की मौत हो चुकी है। इनमें से सर्वाधिक छह टीकरी बार्डर पर और चार किसान कुंडली बार्डर पर जान गंवा चुके हैं। मरने वालों में ज्यादतर अधेड़ उम्र के किसान थे जिनकी हृदयगति रुकने से मौत हुई। जबकि एक किसान की हादसे में मौत हो गई थी।
सोमवार को एक किसान की ठंड में हार्ट अटैक आने से मौत हो गई। टीकरी बॉर्डर पर छह आंदोलनकारियों की मौत हो चुकी है। इनमें से ज्यादातर अधेड़ उम्र के थे। एक आंदोलनकारी की गाड़ी में जलने से और अन्य की हृदयाघात या अन्य कारणों से मौत हुई है। वहीं कुंडली बार्डर पर चार किसानों की मौत हो चुकी है। इनमें एक की सड़क हादसे व तीन की हार्ट अटैक से जान जा चुकी है।