रजनीश कुमार मिश्र गाजीपुर।संजीवनी वाहन यानी 108 एंबुलेंस सेवा घायल व बीमार लोगों के लिए वाकई किसी फरिस्ते से कम नहीं है। एक फोन काल पर संजीवनी वाहन तुरंत मौके पर पहुंच ऐसे कइ लोगों को जीवन दे चुकी है। एंबुलेंस के चालक भी इस महामारी में जान की परवाह किये बगैर दिन रात एक कर लोगों को बचाते है। इन्हीं संजीवनी वाहनों के वजह से रोज न जाने कितनो की जिंदगी बचती है।जिसका जीता जागता सबुत मंगलवार को गाजीपुर जनपद में देखने को मिला।
कंट्रोल से 108 प्रभारी गाजीपुर को आया फोन।
लखनऊ कंट्रोल से गाजीपुर जनपद के.108 प्रभारी के पास फोन आया प्रभारी ने जैसे ही एंबुलेंस चालक पवन को सुचीत किया चालक पवन ने सूचना मिलते ही ईएमटी सुरज को साथ ले रायपुर सदर गांव के लिए निकल पड़ा।
उस स्थान पहुंच एंबुलेंस कर्मियों ने देखा की असगर नामक युवक जिसके सिर पर हथौड़े से वार किया गया था। गंभीर रुप से घायल असगर की हालत नाजुक बनी हुई थी।
संजीवनी वाहन ने पहुंचाया जिला चिकित्सालय
गंभीर रुप से घायल असगर के लिए संजीवनी वाहन फरिस्ता बन कर मौके पर पहुंच असगर को जिला चिकित्सालय पहुंचाया।जहां असगर के गंभीर हालत को देखते हुए उसे वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया।
वहीं प्रभारी रवीर बर्मा ने बताया की कंट्रोल से जैसे ही फोन आया बताए हुए लोकेशन पर चालक पवन व ईएमटी के साथ पहुंच घायल.को जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया।वहां से हालत को गंभीर देखते हुए वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया ।जहां घायल का इलाज चल रहा है।जहां युवक की स्थिति खतरे से बाहर है।