रजनीश कुमार मिश्र, गाजीपुर – समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने एक प्रेस वार्ता में गांजे को कानूनी वैधता देने की मांग की है। उन्होंने तर्क दिया कि जब लोग गांजे को भगवान का प्रसाद मानते हैं, तो उसे अवैध नहीं माना जाना चाहिए। अफजाल अंसारी ने कहा कि गांजे पर सरकार की नीति दोहरी है और इसे तुरंत कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए।
गांजा और भगवान का प्रसाद
अंसारी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि बहुत से लोग, विशेष रूप से साधु-संत और महात्मा, गांजे का सेवन करते हैं और इसे भगवान का प्रसाद मानते हैं। उन्होंने कहा, “जब कुंभ मेले में एक मालगाड़ी भरकर गांजा भेजा जाए, तो वह पूरी तरह से खपत हो सकता है।” उनका कहना था कि अगर भगवान का प्रसाद गांजा है, तो इसे कानूनी वैधता न देने का कोई तर्क नहीं बनता।
सरकार पर दोहरी नीति का आरोप
अफजाल अंसारी ने सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि सरकार की नीति दोहरी है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब गांजा अवैध है, तो इसे पीने वालों को सज़ा क्यों नहीं मिलती? उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि भांग और गांजा, जिन्हें धार्मिक अनुष्ठानों में प्रसाद के रूप में उपयोग किया जाता है, को अवैध क्यों माना जा रहा है।
शराब की दुकानों को लेकर टिप्पणी
अफजाल अंसारी ने प्रेस वार्ता में शराब की दुकानों के बढ़ते विस्तार पर भी टिप्पणी की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि नई शराब की दुकानों को बंद किया जाए, क्योंकि किसी भी धर्म में शराब के सेवन को उचित नहीं ठहराया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर शराब की दुकानें खुली रह सकती हैं, तो गांजे पर प्रतिबंध क्यों?
साधु-संत और गांजा
अफजाल अंसारी ने इस दौरान साधु-संतों और महात्माओं पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि समाज में कई प्रतिष्ठित लोग गांजे का सेवन बड़े शौक से करते हैं। उन्होंने बताया कि बहुत से साधु-संत इसे एक धार्मिक अनुष्ठान के रूप में मानते हैं और इसी कारण गांजे को कानूनी वैधता मिलनी चाहिए।
अपराधियों पर कार्रवाई को लेकर विचार
अफजाल अंसारी ने कहा कि वह अपराधियों पर हो रही कार्रवाई के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन कार्रवाई सही तरीके से होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारा कानून किसी को भी गलत तरीके से निशाना बनाने की अनुमति नहीं देता है।”
दुकानदारों के नेम प्लेट पर बयान
अफजाल अंसारी ने दुकानदारों के नेम प्लेट पर भी बयान दिया और कहा कि उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है, बल्कि वह इसका स्वागत करते हैं। उन्होंने देश के शीर्ष बीफ एक्सपोर्टर्स को भी अपने नामों का खुलासा करने का आह्वान किया।
तिरुपति बालाजी मंदिर का विवाद
प्रेस वार्ता के दौरान तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसादम के विवाद का भी जिक्र किया गया। अंसारी ने इसे एक सोची-समझी रणनीति बताया और कहा कि इस विवाद को जानबूझकर बढ़ाया जा रहा है ताकि इसका ठेका भी गुजरात में दिया जा सके।