अयोध्या. गाजीपुर (Ghazipur) लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी के साधु-संतों के गांजा फूंकने वाले बयान पर संतों गहरी नाराजगी जताई है। संतों ने कहा कि सनातन धर्म के बारे में यदि नहीं पता है तो नहीं बोलना चाहिए। अफजाल अपनी राजनीति पर ध्यान दें तो अच्छा है।
अयोध्या हनुमनगढ़ी के महंत राजू दास ने अफजाल के विवादित बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वालों से समाज और क्या अपेक्षा कर सकता है। उन्हेंने कहा कि अफजाल उस पार्टी के सांसद हैं, जिसका काम ही साधु-संतों और सनातन का अपमान करना है। उन्होंने कहा कि जिस समाजवादी पार्टी का मुखिया ही कहता है कि मठाधीश और माफिया में कोई अंतर नहीं है। इससे पहले भी समाजवादी पार्टी के नेता साधु-संतों पर विवादित बयान दे चुके हैं।
महंत राजू दास ने कहा कि हम साधु हैं, हम कुछ नहीं कर सकते। अगर हम कट्टरपंथी होते तो त्रिशूल निकाल कर अफजाल अंसारी का जय सियाराम कर देते। अगर अफजाल में दम है तो वह इस्लाम या ईसाई धर्म पर बोल कर देखें।
इसी तरह अयोध्या के ही तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगदगुरु परमहंस आचार्य ने भी नाराजगी व्यक्त करते हुए अफजाल से माफी मांगने को कहा है।
आइए जानते हैं क्या कहा था अफजाल ने
समाजवादी पार्टी के गाजीपुर से सांसद और मरहूम मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने वीरवार को गाजीपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस की थी। इस दौरान उन्होने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ पर टिप्पणी करते-करते यह कह दिया था कि यहां के मठों (गाजीपुर) में जाकर देख लें, साधु-संत गांजा फूंकते हुए मिलेंगे। कुंभ में अगर एक मालगाड़ी गांजा भेज दिया जाए तो वह भी खप जाएगा। उन्होंने कहा था कि गांजा प्रतिबंधित है, पर कई साधु-संत भगवान का प्रसाद कह कर पी रहे हैं, फिर गांजा अवैध और प्रतिबंधित कैसे हैं। इसको कानूनी दर्जा मिलनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि योगी आदित्य नाथ गांव की परधानी भी नहीं चाला पाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने दुकानों पर दुकानदारों के नेम प्लेट लगाने का समर्थन भी किया था।