हरिद्वार । उत्तरखंड की धार्मिक नगरी हरिद्वार में एक साधु की नशे का टीका लगाकर हत्या किए जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि साधु की यह हत्या करीब 10 करोड़ रुपये की संपत्ति के लिए की गई है। मृतक साधु की पहचान गुरु महंत गोविंद दास के रूप में बताया है। बताया जा रहा है कि महंत गोविंद दास पिछले कुछ दिनों से लापता थे। पुलिस को उनका शव गंगा नदी से मिला है। इस संबंध में पुलिस ने चार लोगों को काबू किया है, जबकि दो आरोपित फरार बताए जा रहे हैं।
इस संबंध में एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि गत 17 अक्टूबर को रुद्रानंद निवासी रायवाला गौरी गीता आश्रम बिरला मंदिर देहरादून ने पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करवाई थी कि ज्ञानलोक कालोनी में बने श्रद्धाभक्ति आश्रम के परमाध्यक्ष उसके गुरु महंत गोविंद दास गत 15 जून से लापता हैं, उनका कहीं कोई पता नहीं चल पा रहा है।
एसएसपी ने बताया कि चूंकि मामला एक महंत के संदिग्ध परिस्थितयों में लापता होने से जुड़ा होने के कारण पुलिस तत्काल मामले की जांच शुरू की। उन्होंने बताया कि पुलिस टीम जब श्रद्धाभक्ति आश्रम में पहुंची तो देखा कि महंत की गद्दी पर एक अन्य कथित संत रामगोपाल नाथ बैठा था। उन्होंने बताया कि यह देखकर पुलिस का माथा ठनका। इसके बाद संदेह के आधार पर जब रामगोपाल नाथ से पूछताछ शुरू की गई तो उन्होंने आश्रम परमाध्यक्ष गोविंद दास की हत्या करने का सच उगल दिया।
पहले नशे का टीका लगाया, फिर घोंट दिया गला
एसएसपी ने आगे बताया कि पूछताछ में पता चला कि परमाध्यक्ष गोविंद दास ने अपना कोई उत्तराधिकारी नहीं बताया था। आश्रम की करीब 10 करोड़ रुपये की संपत्ति थी, जिसे हासिल करने के लिए एक योजना बद्ध तरीके के तहत आश्रम परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे हटा दिए गए। इसके बाद एक जून को महंत गोविंद दास को नशे का इंजेक्शन लगाया गया, उनके बेहोश होने के बाद आरोपितों ने उनकी गला घोंटकर हत्या कर दी गई। इसके बाद शव को गंगा नदी फेंक दिया। फिलहाल आरोपी पुलिस की गिरफ्त हैं, जबकि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।