शहडोल ब्यौहारी से दुर्गेश कुमार गुप्ता की रिपोर्ट: मध्यप्रदेश में पंचायत राज अधिनियम लागू होने के बाद से त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था अपने-अपने विषयों और कार्यों को लेकर विकास व जनकल्याण के कार्यों में लगी हुई है। लेकिन ग्राम पंचायत के निर्माण कार्य और विकास कार्य को खुद के मुनाफे का धंधा बनाने वाले माफियाओं ने गुणवत्ता एवं सभी नियम कानूनों को दरकिनार करते हुए अपनी जेब भरने एक सशक्त माध्यम बना लिया है।
पूर्व जनप्रतिनिधि के जिला पंचायत तक जुड़े तार।
जिसकी बानगी आए दिन उच्च स्तरीय जांच व अधिकारियों द्वारा की जा रही कार्रवाई से देखा जा सकता है। ऐसा ही एक मामला जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बरकछ और बराछ में देखने को मिल रहा है। जहां पर एक पूर्व जनप्रतिनिधि जिसके तार शहडोल जिला पंचायत में काफी गहरी बताई जाती है। उसके द्वारा निर्माण कार्य में ठेकेदारी प्रथा से काम करके विकास कार्यों के पैसे में सेंधमारी की जा रही है।

इनकी इच्छा से सचिव और रोजगार सहायक होते हैं पदस्थ।
जन चर्चाओं की माने तो ग्राम पंचायत के इस माफिया द्वारा जुगाड़ के किसी भी सप्लायर से ही सुई से लेकर सभी चीजें सप्लाई के बिल काटवाये जाते हैं। वहीं सूत्रों की माने तो इस बंदरबांट में ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव इस माफिया कि डर और दहशत के आगे कुछ भी कहने और करने से डरते हैं। चर्चा तो ऐसी भी है की माफिया द्वारा अपनी इच्छा अनुरूप सचिव और रोजगार सहायक अपनी सेटिंग की बदौलत बदला भी जाता रहा है। बहरहाल मामले की किसी उच्च स्तरीय जांच के बाद ही, बड़े स्तर में चल रहे भ्रष्टाचार का खुलासा किया जा सकता है।
इनका कहना।
गलत भुगतान हमारी पंचायत में नहीं हुआ है। राजेन्द्र त्रिपाठी जी से आपकी बात कराता हुंं, आप उनको जानते होंगे वह भी शहडोल में रहते हैं।
पुजेरी प्रसाद मिश्रा (रोजगार सहायक)
ग्राम पंचायत बरकछ
हम पूरे गाँव के लोगो को संतुष्ट नही कर सकते हैंं। कोई भी फर्जी बिल भुगतान नहींं हुआ है।
राम किशोर पटेल (सचिव)
बराछ ग्राम पंचायत