Home स्‍वास्‍थ्‍य स्तनपान कराते समय कहीं आप मोबाइल तो नहीं देखतीं, अगर ऐसा है तो यह आदत बदल डालें, नहीं तो बच्चा दिमागी रूप से हो सकता है कमजोर

स्तनपान कराते समय कहीं आप मोबाइल तो नहीं देखतीं, अगर ऐसा है तो यह आदत बदल डालें, नहीं तो बच्चा दिमागी रूप से हो सकता है कमजोर

by Jharokha
0 comments
Do you look at your mobile while breastfeeding? If so, then change this habit, otherwise the child may become mentally weak.

Breastfeeding : बच्चे को स्तनपान (Breastfeeding) कराते समय कहीं आप मोबाइल तो नहीं देखती, अगर ऐसा करती हैं तो यह आदत तुरंत बदल डालें। क्योंकि ऐसा करने से बच्चा मानसिक तौर पर कमजोर हो सकता है।
स्तनपान (Breastfeeding) केवल बच्चे के शारीरिक पोषण का जरिया ही नहीं है, बल्कि यह मां और बच्चे के बीच भावनात्मक संबंधों को मजबूत करने का समय होता है। स्तनपान के समय बच्चा खुद को मां के सबसे करीब पाता है। ऐसे समय में यदि मां का ध्यान मोबाइल पर रहता है तो बच्चा मां भावनाओं, संवेदनाओं और उसकी ममता भरी नजरों से वंचित हो सकता है, जिसका सीधा असर बच्चे दिमाग पर पड़ेगा।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बाराचवर के चिकित्सा प्रभारी डा. रजत गुप्ता का भी कुछ ऐसा ही कहना है। बच्चों के स्वास्थ्य और Breastfeeding पर एक चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि आखिर बच्‍चे को दूध पिलाते समय माताओं को मोबाइल फोन से दूरी बनाना क्‍यों जरूरी है।

मां-बच्चे के भावनात्मक संबंधों का समय

डा. रजत गुप्ता कहते हैं कि स्तनपान (ब्रेस्टफीडिंग) दरअसल, मां और बच्चे के बीच का वह समय होता है जब बच्चा अपने को मां के बेहद करीब और सुरक्षित पाता है। इस समय में मां और बच्चे के बीच भावनात्मक संबंध मजबूत होता है, लेकिन जब मां का ध्‍यान मोबाइल पर होता है तो बच्चा मां की संवेदनाओं और से वंचित हो सकता है, इसलिए यह जरूरी है कि जब भी बच्‍चे को दूध पिलाएं उसे गोद में लेकर भरपूर दुलार दें, उसकी आंखों में देखें, प्यार भरी थपकी दें क्योंकि यह पल मां और बच्चे का होता है।

बच्चे का होता है विकास

डा. गुप्ता कहते हैं कि बच्चे के शुरुआती विकास में मां के साथ मूक संवाद बहुत जरूरी होता है। मां और बच्चे के साथ बातचीत करना काफी स्‍पेशल होता है। जब आप मोबाइल स्क्रोल करने में व्‍यस्‍त रहेंगी तो बच्चे संवाद नहीं हो पाएगा। मां और बच्चे के बी आंखों से आंखों का संवाद होता है जो मोबाइल के वजह से कम हो जाएगा। और सामाजिक और भाषाई विकास भी प्रभावित हो सकता है। जो उसे आगे चल कर मानसिक रूप से कमजोर बना सकता है।
डा. रजत गुप्ता कहते हैं स्तन पान के समय मां के मोबाइल फोन देखने से बच्चे की यादाश्‍त प्रभावित होती है। यानी बच्चा न्‍यूरो साइकोलोजिकल प्रॉब्‍लम (Neuro psychological problems) से जूझने लगता है। इसके अलावा मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन बच्चे के लिए हानिकारक हो सकती है, खासकर ऐसे समय में जब वह मां की गोद में होता है।

स्तनपान का सही तरीका

स्तनपान कराने के दौरान बच्चे पर पूरा ध्यान दें। मोबाइल को दूर रखें। उसे ममता भरी नजरों से दखें उसके साथ संवाद करें।
स्तनपान के लिए एक शांत और आरामदेह स्थान चुनें जहां आप बिना तनाव के बच्चे को दूध पिला सकें।
आप मोबाइ का इस्तेमाल तब करें जब बच्चा सो रहा हो या किसी और के पास खेल रहा हो।
मोबाइल को बच्चे से दूर रखें, ताकि रेडिएशन से बचा जा सके।

अब आप समझ गई होंगी कि स्तनपान कराने के के समय मोबाइल फोन से दूरी बनाना कितना जरूरी है।

Jharokha

द झरोखा न्यूज़ आपके समाचार, मनोरंजन, संगीत फैशन वेबसाइट है। हम आपको मनोरंजन उद्योग से सीधे ताजा ब्रेकिंग न्यूज और वीडियो प्रदान करते हैं।



You may also like

द झरोखा न्यूज़ आपके समाचार, मनोरंजन, संगीत फैशन वेबसाइट है। हम आपको मनोरंजन उद्योग से सीधे ताजा ब्रेकिंग न्यूज और वीडियो प्रदान करते हैं।

Edtior's Picks

Latest Articles