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Mahakumbh Stampede News: महाकुंभ में बुधवार को मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ में 14 से अधिक लोगों को मरने और दर्जनों लोगों के घायल होने और करीब इतने ही लोगों के खोने की खबर है। हलांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दुर्घटना पर दुख जताया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि श्रद्धालु किसी भी गंगातट पर स्थान कर पुण्य लाभ ले सकत हैं।
बाता दें कि मौनी आमावश्या के दिन बुधवार को महाकुंभ मेले में देशभर से करोड़ो भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई संगम नोज पर मौनी आमावश्या के अमृत स्नान को अधीर था। बताया जा रहा है भक्तों की भीड़ इतनी बढ़ी कि लोगों का चलना भी मुश्किल हो रहा था। हालत यह थी कि श्रद्धालुओं की सांसें फुलने लगीं। महिलाएं एक-दूसरे पर गिरने लगीं और देखते ही देखते अफरा-तफरा मच गई। इस बीच प्रशासन की ओर से की बैरिकेडिंग टूट गई और भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में कई लोग जख्मी हो और कइयों की मौत हो गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुताबिक, प्रयागराज में अभी 8 से 9 करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि फिहाल, सभी अखाड़ों संतों-महंतों ने अमृत स्नान न करने का फैसला लिया है।
क्या है संगम नोज जहां हर कोई नहाना चाहता है०
प्रशासन की ओर से मौनी आमावश्या पर बुधवार को 10 करोड़ से अधिक लोगों के स्नान का अंदाला लगाया जा रहा है। बुधवार तड़के से ही अमृत स्नान आरंभ हो गया है। इस बीच रह कोई संगम नोज पर नहाना चाह रहा है। आइए जानते हैं क्या है संगमन नोज जहां महाकुंभ पर भक्तों का रेला लगा हुआ है।
दरअसल, जहां लोगों में स्नान करने आतुरता है वह जगह है संगम नोज। इस जगह को संगम नोज इस लिस कहा जाता है क्योंकि यहां तीनो नदियां ‘गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती मिलती हैं। इसके इसी आकार के वजह से ही इसे संगम नोज कहा जाता है। महाकुंभ में इस जगह पर स्नान करने को अधिक पवित्र माना जाता है। यहां पर साधु-संत स्नान करते हैं। आम लोग भी इसी जगह स्नान करने को आतुर रहते हैं। संगम नोज पर ही बुधवार को तड़के भगदड़ के वजह से कई लोगों की जान चली गई।
मुख्यमंत्री की अपील, संगम नोज पर जाने का प्रयास न करें श्रद्धालु
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि जो लोग संगम नोज की तारफ जाने का प्रयास न करें। माता गंगा के जिस तट के समीप हैं, वे वहीं स्नान पुण्य लाभ लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी श्रद्धालु प्रशासन के निर्देशों का अनुपालन करें। अफवाहों पर ध्यान न दें।
144 साल बाद बन रहा है ‘त्रिवेणी योग’
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 144 साल बाद ‘त्रिवेणी योग’ नामक एक दुर्लभ खगोलीय संयोग बन रहा है, जो इस दिन के आध्यात्मिक महत्व को और बढ़ा रहा है। मौनी अमावस्या से एक दिन पूर्व मंगलवार को रात आठ बजे तक 4.83 करोड़ लोगों ने स्नान किया, जबकि इससे पूर्व मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी।