Home उत्तर प्रदेश रोचकता से भरा है मोहम्मदपुर का अतिप्राचीन शिवमंदिर शिवरात्रि के दिन लगता है भक्तों का तांता

रोचकता से भरा है मोहम्मदपुर का अतिप्राचीन शिवमंदिर शिवरात्रि के दिन लगता है भक्तों का तांता

by Jharokha
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रोचकता से भरा है मोहम्मदपुर का अतिप्राचीन शिवमंदिर शिवरात्रि के दिन लगता है भक्तों का तांता

रजनीश कुमार मिश्र ( गाजीपुर) शिवरात्रि के दिन शिवमंदिरों का महत्व तो काफी बढ़ जाता है । शिवरात्रि के दिन सभी शिवमंदिरों में भक्तों का मेला लगा रहता है । लेकिन आज हम उस शिव मंदिर की बात करेंगे जो अतिप्राचीन होने के साथ साथ ढेर सारे रहस्यों से भरा हुआ है । जहां शिवरात्रि के दिन दुर दराज से लोग भगवान भोलेनाथ के दरबार में आकर शीश नवाते है ।

इस दिन इस जगह पर भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है । हम जिस शिव मंदिर की बात कर रहे वो बाराचवर ब्लाक मुख्यालय से करीब दो किलोमीटर की दुरी पर पश्चिम दिशा में मोहम्मदपुर गांव के एक वीराने में मौजूद है । आज के दौर में इस जगह को लोग मोहम्मदपुर शिवालय या खारा के शिवालय के नाम से जानते है ।

धरती के गर्भ से निकला है शिवलिंग

इस मंदिर में बिराज रहे भोले नाथ के बारें में एक किवदंती है, की आज से करीब दो सौ या तीन सौ साल पहले धरती के गर्भ से भोले भंडारी निकलने हुए है । लेकिन कुछ लोगों का मानना है की तीन सौ साल से भी पुराना हो सकता है । गांव के बुजुर्गों का कहना है की हम लोगों के पुर्वज भी इस मंदिर के बारे में ज्यादा कुछ बता नहीं पाये । जिससे अनुमान लगाया जा सकता है की ये मंदिर कितना पुराना होगा।

कब हुआ मंदिर का निर्माण

मोहम्मदपुर गांव के वीराने में विराज रहे भोले नाथ का दरबार का निर्माण कब और किसने कराया इस बात की कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है । हालांकि की कुछ लोगों का मानना है, की मांटा गांव एक व्यक्ति ने इस मंदिर का निर्माण कराया है ।वही मोहम्मदपुर गांव के पुर्व प्रधान राधेश्याम यादव का कहना है की इस शिवमंदिर का निर्माण कब और किसने कराया इसकी सही जानकारी किसी को नहीं है । उन्होंने बताया की हम लोग जब अपने पुर्वजों से कभी इस मंदिर निर्माण के बारे में कभी चर्चा किया करते थे तो वो लोग भी बताने असमर्थ थे । तो हम लोग क्या बता सकते है ।

मंदिर के बगल में रहस्यमयी तालाब

मोहम्मदपुर शिव मंदिर के बगल में एक रहस्यमयी तालाब भी है । हम इस सरोवर को रहस्यमयी इस लिए कह रहे है की जब पुर्व ग्राम प्रधान राधेश्याम यादव द्वारा इस सरोवर की खुदाई शुरू की गई थी तो । उस समय सीढ़ियां दिखने लगी । राधेश्याम यादव ने रहस्यमयी तालाब की जानकारी देते हुए बताया की जीतनी खुदाई की जाती उतनी गहराई तक सीढियां मिल रही थी । उन्होंने बताया की थक हार कर खुदाई बंद कर दिया गया । और तलाब का सौन्दर्यीकरण कराया गया था ।

बारह बजे रात को किसी के चलने की आती है आवाज

अतिप्राचीन शिव मंदिर के जगह पर रात को 12 बजे के आस पास एक और चमत्कार होता है।वो चमत्कार है झनझनाहट की आवाज आना लोग बताते है,की इस जगह हर रोज रात्रि में झनझनाहट की आवाज सुनी जाती है।वो कहा से आती है किसी को पता नहीं है।
राधेश्याम यादव ने बताया की आज भी वो आवाज सुनी जा सकती है।उन्होंने बताया की पुर्वज बताते थे की जमीन के अंदर पहले लोग सोना चांदी छिपाते थे।जब वो इधर से उधर होता था तो झनझनाहट की आवाज आती थी।ठीक उसी प्रकार मंदिर वाले जगह.से भी आवाज आती है।

जीस लड़की को मंदिर पर दिखाया जाता है,उसकी हो जाती है शादी

कहा जाता है की जीस लड़की की शादी तय की जाती है।तब लड़के पक्ष को लड़की देखने के लिए उसी मोहम्मदपुर गांव के अतिप्राचीन शिव मंदिर पर बुलाया जाता है। क्यो की इस मंदिर पर लड़की देखने के बाद उसकी शादी होना तय माना जाता है।वहीं प्रधान के साथ साथ कुछ और लोगों ने बताया की इस मंदिर का तो ये चमत्कार ही है की आज तक जिस लड़की को यहां लड़के पक्ष को दिखलाया गया उसकी शादी हुई है।इसे आप एक चमत्कार भी कह सकते है।इस चमत्कार के संबंध में ग्रांम प्रधान राधेश्याम यादव दावे के साथ कहते है।

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