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गाजीपुर/बलिया : उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बलिया जिले की सीमा पर स्थत लखनेश्वर डीह शिव मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन भक्तों की करीब एक किमी. लंबी कतार लगी हुई है। यहां हर कोई चाह रहा है कि वह सबसे पहले भगवना भोले नाथ को जल चढ़ाए। यहां मान्यता है कि इस शिव मंदिर की स्थापना भगवार श्री राम के भाई लक्ष्मण जी ने की थी। मंदिर के पास ही कलकल बहती छोटी सरयू की धारा अलग मरोम संगीत सुनाती है।
प्रकृति द्वारा आच्छादित यह मंदिर कभी किले के अंदर हुआ करता था। इसलिए इस स्थान को लोग किला वाला मंदिर भी कहते हैं। यहां बहुतायत संख्या में शिवलिंग और मूर्तिया मिली हैं और अब भी छोटे, बड़े शिव लिंग मिलते रहते हैं। इसके पास ही भगवान विष्णु का भी मंदिर है।
महाशिवरात्रि के दिन यहां मेले का भी आयोजन किया गया है। लखनेश्वर डीह मंदिर पर गाजीपुर, बलिया और मऊ जिले के लोगों के अलावा अन्य जिलों से भी लोग दर्शनों को आ रहे हैं।
शिव मंदिर खारा में भी उड़े भक्त
गाजीपुर जनपद के खारा गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर पर भी भक्तों की लंबी कतार लगी है। यहां मेला भी लगा है। इसमें दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। मान्यता है कि खारा स्थित यह शिव मंदिर करीब 200 साल पुराना है।
महाहर में आस्था का सैलाब, गूंजा हर हर महादेव
गाजीपुर जनपद के मरदह ब्लाक में स्थात महारे महादेव का स्थान भी रामायण काल से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि इस शिव मंदिर की स्थापना भगवान श्री राम के पिता महाराजा दशरथ ने करवाया था। मान्यता है कि इसी स्थान पर आखेट करते समय अंजाने में महाराज दशरथ के बाण से श्रवण कुमार की हत्या हो गई थी। इसी पाप से मुक्ति के लिए महाराज दशरथ ने पंचमुखी शिवलिंग और शिव परिवार की मूर्तियों की अस्थापना करवाई थी। महाहर धाम में भी हजारों की संख्या में शिवभक्त अपने आराध्य के दर्शों के लिए उमड़े हैं।
कामेश्वर नाथ में गूंजा हर हर महादेव
बलिया जिले के कारों गांव में स्थित कामेश्वर नाथ महादेव मंदिर में भी महा शिवरात्रि को पैर रखने की जगह नहीं है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहीं पर भगवान शिव ने कामदेव को भष्म किया किया, जिस कारण इस स्थान का नाम कामेश्वर नाथ पड़ा जो कालांतर में अपभ्रंश हो कर कारों के नाम से जाना जाता है।
ऊंचा डीह स्थित नागेश्वर मंदिर में लगे जयकारे
गाजीपुर जनपद बाराचवर ब्लाक स्थित ऊंचा डीग गांव के नागेश्वर मंदिर में भी शिवभक्तों का कारवां उमड़ा है। यहां लगे मेले में दूर दूर से आए शिवभक्त पहुंचे हैं। और अपने आराध्य के दर्शनों को तड़े से ही प्रतिक्षा कर रहे हैं। कुल मिला कर हर तरफ शिव ही शिव नजर आ रहे हैं।