झरोखा डेस्क। छठ महापर्व की शुरुआत नहाय खाय से हो चुकी है। अब यह पर्व अकेले बिहार और झारखंड का ही नहीं रहा बल्कि देशभर में मनाया जाने लगा है। यही दुनिया के कई देशों में भी मनाया जाने लगाया है। यानि जहां-जहां बिहारी गए, अपनी लोक-संस्कृति और पर्व को कायम रखा। यही नहीं छठ के साथ-साथ छठ में बनाया जाने वाला शुद्ध देशी प्रसाद ठेकुआ भी विश्व प्रसिद्ध हो चुका है।
बिहारी और झारखंडी मिठाई के नाम से प्रसिद्ध ठेकुआ अब आनलाइन भी उपलब्ध है। स्वाद में मीठा, खस्ता और नरम ठेकुआ को हफ्तों तक स्टोर कर रखा जा सकता है। मुख्य रूप से गेहूं के आटे, गुड़ और घी के मिश्रण से तैयार होने वाले ठेकुआ के बिना (Thekua) छठ पूजा अधूरा सा लगता है। ठेकुआ और इसे बनाने की विधि से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश की महिलाएं वाकिफ हैं क्योंकि इस मिठाई भी इसी क्षेत्र की उपज है। फिर भी हम बता दें कि ठेकुआ बनाते समय सबसे पहले आटे में घी, गुड़ या चीनी का घोल डाला जाता है। इसके बाद मोयन के लिए घी, स्वाद के लिए इसमें सौंफ या इलायची पाउडर भी डाल सकते हैं। इसके बाद इसे गूंथ कर 10-15 मिनट के लिए रख देतें हैं। इसके बाद इसके पेड़े बनाकर लकड़ी के साचे पर दबार कर गर्म घी या रिफाइंड में सुनहरा होने तक तलते हैं। फिर इसे ठंढ़ा होने तक बाहर रखते और उसके बाद इसे किसी एयरटाइट डिब्बे में पैक कर दें ताकि 10-15 दिन तक इसे खा सकें।
