लुधियाना : सरकारी नोकरी में निलंबन, बहाली, प्रमोशन हर सरकारी कर्मी के साथ जुड़े रहते है कई बार सरकारी नोकरी करते हुए छोटी बड़ी गलती पर कर्मी सस्पेंड हो जाता है तो बाद में वह जाच में निर्दोष साबित हो बहाल भी हो जाता है और कई बार तो जब कर्मी को सरकारी सेवा निभाते हुए तररकी मिलती है तो उसे खुशी मिलती है।
परंतु बहुत कम बार सरकारी कर्मी के साथ अजीब संजोग बन जाता है जो सरकारी कर्मी के साथ जुड़ जाता है। बात अगर पंजाब जीआरपी पुलिस की करे तो लुधियाना जीआरपी थाने के एसएचओ बलबीर सिंह और थाने के मुंशी परषोत्तम कुमार को ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर उच्च अधिकारियो की और सस्पेंड कर दिया गया है।
यहां बात अगर बलबीर सिंह घुम्मन की किस्मत के सितारों की करे तो दो वर्ष पूर्व अक्टूबर में अमृतसर में दशहरे वाले दिन जोड़ा फाटक रेल ट्रैक पर रेल गाड़ी के नीचे लोग आ कर मृत्यु को प्राप्त हुए थे तब अमृतसर जीआरपी थाने के प्रभारी बलबीर सिंह घुम्मन ही थे । और अब उन के निलंबन की बात सामने आई है तो यह भी अक्टूबर का ही महीना है और दशहरा भी आने ही वाला है
इसे इंसपेक्टर बलबीर सिंह घुम्मन की जिंदगी का अजीब संजोग ही कहा जायेगा । बाकी निलंबन के बाद होने वाली जाच में बलबीर सिंह घुम्मन और मुंशी परषोत्तम कुमार पर आरोप साबित होते है या नही यह सब जाच के बाद पता चलेगा। बात अगर बलबीर सिंह घुम्मन की की जाए तो बतौर सीआईए स्टाफ लुधियाना के इंचार्ज पद पर कार्य करते हुए बलबीर सिंह घुम्मन और उन की टीम ने नशे के अनेकों कारोबारियो को काबू कर उहने जेल भिजवाया ।
घुम्मन के समय नशा तस्करों पर जो मामले दर्ज हुए वह घुम्मन की निष्ठा भरी ड्यूटी को उस समय बयान करते है। उहोने तब नशे से सबधित कई भारी बरामदगीया कर जीआरपी का नाम रोशन किया था। दशहरा कांड होने पर अमृतसर में बतौर एसएचओ उसी समय मौके पर पहुच कर जख्मियों के इलाज में भी घुम्मन ने तत्प्रत्रता दिखाई थी। जबकि विभिन जीआरपी थानों में बतौर एसएचओ कार्य करते हुए घुम्मन ने कई मामले हल किये थे।