गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एनजीटी के नियमों की अनदेखी कर गाजीपुर में गंगा नदी के किनारे करीब 27 बीघे में बनाए गए शम्मे हुसैन हॉस्पिटल को जिला प्रशासन ने गिराने का काम शुरू कर दिया है । प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में शनिवार को पौ फटते ही जेसीबी और पोकलेन मशीन हॉस्पिटल की इमारत को ध्वस्त करने में जुट गई।
उल्लेखनीय है कि अस्पताल के प्रबंधकों ने प्रशासन की नोटिस के खिलाफ अपील की थी जिसे शुक्रवार की शाम डिस्टिक कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। वही पूरी रात अस्पताल संचालकों द्वारा अस्पताल परिसर को खाली करने की कवायद की जाती रही।
एसडीएम सदर ने आठ अक्टूबर को दिया था नोटिस
उल्लेखनीय है कि गाजीपुर सदर के एसडीएम प्रभास कुमार की कोर्ट ने बीते आठ अक्टूबर को शम्मे हुसैनी अस्पताल को लेकर आदेश दिया था। आदेश में कहा था कि एक सप्ताह के अंदर इसे ध्वस्त करा दें, अन्यथा जिला प्रशासन द्वारा गिराए जाने पर इसमें जो खर्च आएगा उसे भी वसूल किया जाएगा। एक सप्ताह के मिले समय में अस्पताल के संचालक हाईकोर्ट चले गए।
हाई कोर्ट ने भी दिया था 10 दिन का समय
हाइकोर्ट ने दस दिनों का समय देते हुए जिलाधिकारी के यहां अपील करने का आदेश दिया था। इसके बाद संचालक द्वारा जिलाधिकारी के यहां अपील की गई थी। जिसे कल खारिज कर दिया गया। बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी ) के गाइडलाइन के अनुसार गंगा के 200 मिटर के क्षेत्र में कोई निर्माण नहीं हो सकता है। इतना हीं नहीं, गाजीपुर के मास्टर प्लान के अनुसार उक्त स्थान का कोई कामर्शियल उपयोग भी नहीं हो सकता है। बावजूद इसके सभी मानक को ताख पर रखकर करोड़ों की लागत से यह भारी भरकम अस्पताल बना दिया गया था।
27 बीघे में फैला हॉस्पिटल
गंगा पुल के नीचे बना शम्में हुसैन हॉस्पिटल लगभग 27 बीघे में फैला हुआ है।. अस्पताल परिसर में प्रबंधकीय कांप्लेक्स, कैंटीन, नर्सिंग कॉलेज सहित कई कैंपस बने हुए हैं । नियमों की अनदेखी कर बनाए गए अस्पताल में प्रबंधकों ने करोड़ों रुपए का निवेश कर रखा था।. हालांकि ध्वस्ती करण के बाद अब प्रशासन अस्पताल प्रबंधन से इस पर खर्च होने वाली रकम भी वसूल करेगा। प्रशासन की इस कार्रवाई से यह बात तो साफ है कि जिले में किसी भी तरह का अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।