
झरोखा न्यूज : किसी ने सही कहा है। जबकि प्यार किसी होता है तो उम्र का बंधन नहीं होता। यह भी सच है कि कब किसी का दिल किस पर आ जाए कहा नहीं जा सकता। लेकिन, सच्चा प्यार वही होता है जो शादी के बंधन तक पहुंच जाए और सात जन्मों तक साथ निभाने की रम्सें आद करे। ऐसी ही अनोखी और प्यारभरी और दिल को गुदगुदा देने वाली अनोखी शादी देखने को उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ जिले में। जहां 75 साल का दूल्हे मियां अपनी 40 साल की दुल्हनिया को अपने साथ विदा करा के ले गए।
वर्षों से चल रहा था प्रेम, बेटे ने करा दी शादी
मामला कुछ यूं है । उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के 75 साल के अवध नारायण का 45 साल की रामरती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनो का एक दूसरे के घर आना जाना था। मिलने-मिलाने का यह क्रम पिछले कई सालों से चल रहा था। इस बात की जानकारी जब अवधनारायण के बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों को हुई तो उन्होंने इसका विना विरोध किए अवधनारायण और उनकी प्रेमिका रामरती का बड़ी धूमधाम से विवाह करवा दिया।
दादा की शादी में नाचे नाती-पोते

अधव नारायण और रामरती की शादी की मंजूरी मिलते ही परिजनों ने अवध नारायण की शादी की तैयारियां शुरू कर दीं। इसके लिए बकायदा पंडित जी से मुहुर्त निकलवाया गया । तय समय पर रामरती के घर अवधनारायण बारात लेकर पहुंचे।
उनके इस विवाह में बेटै, बहू तो शामिल हुए ही। दादा व नाना की शादी में नाती-पोतों ने भी जम कर भंगड़ा पाया। विधि-विधान के साथ दोनों की धूमधाम से शादी हुई और अवधनारायण ‘दिलवाले’ बने कर अपनी दुल्हनियां को व्याह कर लाए।
बिन बुलाए पहुंचे बाराती
प्रतापगढ़ में बूढ़े दुल्हेराजा को देखने के लिए ग्रामीणों में होड़ मची रही। जिसने भी इस शादी के बारे में सुना वह बिना निमंत्रण के ही शादी में शामिल हो कर बराती और घराती बन बैठा। हलांकि कोरोना की वजह से इस शादी में रिश्तेदार और करीबियों को ही आमंत्रित किया गया था। फिर भी दुल्हे और दुल्हन को देखने के लिए सैकड़ों लोग पहुंच गए।