करीब 32 साल पहले सौ से अधिक छात्राओं के साथ हुए दुर्ष्कम के मामले में मंगलवार को विशेष न्यायालय कोर्ट संख्या-2 ने फैसला सुना दिया है। देश को दहला देने वाला यह काड़ राजस्थान के अजमेर में हुआ था। बहुचर्चित इस मामले में कांग्रेस के कई नेता भी शामिल थे। उस समय बदनामी के डर से कई छात्रों में आत्म हत्या कर ली थी। दरिंदगी की यह घटना अजमेर के एक प्रतिष्ठित स्कूल/ कालेज में साल 1992 में हुई थी। मंगलवार को विशेष न्यायालय कोर्ट संख्या-2 ने अपना फैसला सुनाया है। इसके साथ ही न्यायालय ने प्रत्येक दोषियों पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
विशेष न्यायालय कोर्ट संख्या-2 ने छह आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने कुल 208 पेज का फैसला दिया है। बताया जा रहा है कि जिस समय कोर्ट अपना फैसला सुना रहा था उस समय न्यायालय के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात किए गए थे।
बताया जा रहा है कि इस केस के चार अभियुक्तों को पूर्व में सजा हो चुकी है, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने उनको बरी कर दिया था। मंगलवार को शेष छह अन्य आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
100 से अधिक छात्राओं के साथ दुष्कर्म के इस मामले में आरोपी, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, नफीस चिश्ती, सोहेल गनी , इकबाल भाटी और सैयद जमीर हुसैन का ट्रायल पूरा हो गया था। पॉक्सो कोर्ट-2 के न्यायाधीश रंजन सिंह ने इन आरोपियों को दोषी मानते हुए अपना फैसला सुनाया। इस मामले में पूर्व में नौ आरोपियों को सजा सुनाई जा चुकी है। इस केस में कुल 18 लोगों को आरोपी बनाया गया था। एक ने सुसाइड कर लिया था। वहीं, साल 2001 में हाईकोर्ट ने चार आरोपी महेश लुधानी, परवेज, हरीश, कैलाश सोनी को बरी कर दिया था। इन चारों को साल 1998 में सेशन कोर्ट ने उम्रकैद सुनाई थी, केस में कुल 18 आरोपी बनाए गए थे, इनमें से एक ने खुदकशी कर ली थी।
यह थे मामले में कुल 18 आरोपी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में 18 आरोपी बनाए गए थे, जिनमें नफीस चिश्ती (तत्कालीन यूथ कांग्रेस उपाध्यक्ष), अनवर चिश्ती (तत्कालीन यूथ कांग्रेस जॉइंट सेक्रेट्री), पुरुषोत्तम उर्फ बबली (लैब डेवलपर), हरीश दोलानी (लैब मैनेजर), फारुख चिश्ती (तत्कालीन यूथ कांग्रेस अध्यक्ष), इकबाल भाटी, कैलाश सोनी, सलीम चिश्ती, मोइजुल्लाह उर्फ पूतन इलाहाबादी, परवेज अंसारी, नसीम उर्फ टारजन, सोहैल गनी, जमीर हुसैन, अलमास महाराज, इशरत अली, महेश, शम्सू उर्फ माराडोना (ड्राइवर), जऊर चिश्ती के नाम शामिल थे। इसमें से एक आरोपी अभी तक फरार है।