The Jharokha Desk. UP Election 2022: क्या समाजवादी पार्टी की मान्यता अब रद हो जाएगी। यह सवाल इस लिए कि एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर समाजवादी पार्टी की मान्यता रद करने की मांग की है। यह याचिका वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की है। उन्होंने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि समाजवादी पार्टी ने कैराना में एक गैंगस्टर को टिकट दे कर सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का उल्लंघन किया है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2018 में दिशा निर्देश दिया था कि कोई पार्टी अपराधियों को टिकट नहीं देगी। यदि टिकट देती है तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया में उस व्यक्ति का पूरा क्रिमिनल रिकॉर्ड प्रकाशित करेंगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने फिर कहा कि कोई भी पार्टी क्रिमिनल Criminal को टिकट नहीं देगी। यदि टिकट देती है तो उस पार्टी को उसका कारण बताना होगा और इलेक्ट्रानिक मीडिया, सोशनल मीडिया और प्रिंट मीडिया में इसका कारण बताएगी। यदि ऐसा नहीं करती है तो चुनाव आयोग उस पार्टी के मुखिया के खिलाफ कंटेम फाइल करेगी। उन्होंने कहा कि दुख की बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन न तो कोई पार्टी कर रही है और ना ही चुनाव आयोग।
एडवोकेट अश्विनि उपाध्याय ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने कैराना से गैंगेस्टर को चुनाव मैदान में उतार दिया। समाजवादी पार्टी ने न तो उस गैंगस्टर का आपराधिक रिकॉर्ड न तो अपने ट्वीटर हैंडर पर पब्लिश किया, न अपने फेस बुक पर और ना ही किसी इलेक्ट्रानि और प्रिंट मीडिया और ना ही सोशल मीडिया में।
उन्होंने कहा कि 2020 सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि कोई भी पॉलिटिकल पार्टी किस अपराधी को टिकट नहीं देगी। यदि ऐसा करती है तो उसे उसका कारण बताना हो गया। यदि कोई पार्टी ऐसा नहीं करती है तो मुख्य चुनाव आयोग को ऐसी पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। लेकिन दुर्भाग्य कि कोई न तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कर रही और ना ही चुनाव आयोग इस दिशा में कोई कार्रवाई कर रहा है।
एडवोकेट अश्विनी ने कहा कि इसी लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट जनहित याचिका दायर कर समाजवादी पार्टी के मुखिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पार्टी की मान्यता रद करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को टिकट देने वाली पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई होने पर ही राजनीति में अपराधीकरण रुक सकेगा।