

बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने बलात्कार के मामलों में अब सजा ए मौत का प्रावधान लाने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि यह फैसला बांग्लादेश में दुष्कर्म के खिलाफ गत नौ दिन से जारी जन प्रदर्शनों के कारण लिया है। बांग्लादेश सरकार के इस फैसले के लिए महिला एवं बाल उत्पीड़न कानून-2000 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री शेख हसीना की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद कैबिनेट सेक्रेटरी खांडकर अनवारुल इस्लाम ने बताया कि अभी संसद सत्र नहीं चल रहा है, इसलिए इस प्रावधान को लागू करने के मकसद से राष्ट्रपति अब्दुल हमीद जल्द ही अध्यादेश लाएंगे।
उल्लेखनीय है कि हाल में बांग्लादेश में दुष्कर्म की कई घटनाएं हुईं। उसके बाद देश भर में विरोध भड़क उठा। खास विरोध सिलहट के एमसी कॉलेज की छात्रा के साथ सामुहिक दुष्कर्म के बाद आंदोलन और भड़क गया। इस घटना के ठीक पहले नोआखाली के बेगमगंज में ऐसी ही वारदात हुई थी। विरोध में जगह- जगह मानव श्रृंखला भी बनाई गई थी। सोमवार को महिला उत्पीड़न से संबंधित फिल्मों का प्रदर्शन राजधानी ढाका में हुआ। प्रदर्शनकारियों ने बलात्कारियों को सजा-ए-मौत की मांग की गई है। मगर महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का एक समूह इससे सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि असली समस्या जांच और न्याय प्रक्रिया की दिक्कतें हैं। इसलिए ज्यादा जरूरी यह है कि दुष्कर्म के दोषियों के मामलों की जांच और सुनवाई एक से दो माह के भीतर हो।