Home झरोखा स्पेशल डिजिटल ख़बरनवीसों की वजह से बिछड़े बहन -भाई में 73 सालों के बाद हुआ मेल

डिजिटल ख़बरनवीसों की वजह से बिछड़े बहन -भाई में 73 सालों के बाद हुआ मेल

by Jharokha
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यादविन्दर :आज के दौर में डिजिटल मीडिया, प्रिंट मीडिया की तरह अहमीयत दर्ज करा रहा है. जबकि सूरतेहाल का दूसरा पक्ष यह है कि सोसल मीडिया पर जहाँ पंजाबी कौम में नफ़रत फैलाने वाले सांप्रदायक अनसर सक्रिय हैं, वहाँ पंजाबी दर्द को समझने वाले पंजाबी प्यारे भी हैं, जो अपना किरदार, बाखूबी निभाय रहे हैं।

मनो -वैज्ञानिक बुनियाद पर बात करें तो कह सकते हैं कि जो बसर के अचेत मन में भावनायों और सोचूँ का जैसा जंजाल था, उस ने अचेत मन के एहसास को सचेत मन की सतह पर ला कर, अपनी हकीकत का खुलासा कर दिया है.

इसे तरह अभी जैसे बहुत अच्छी घटना घटी है. उतरते पंजाब के मीडियाकार नासिर कसाना ने अपने यू -ट्यूब चैनल’IK PIND PUNJAB DA’पर वीडियो जारी कर कर बिछड़े बहन -भाई में मिलाप कराने में सहयोगी रोल अदा किया है।

राना अमीर अली और नासिर कसाना

2018 में साउदी अरब रोज़गार कमाने गए कामगार राशिद ने चढ़ते और उतरते पंजाब के पंजाबी वीरों के सांझे व्हटसऐप ग्रुपों में यह आवाज़ संदेश रिकार्ड कर कर छोड़ा था कि भारतीय पंजाब के टांडा समीप गाँव जौड़ा बघियाडी में उसकी फूफी (बुआ) अमतल हफीज, मुल्क की बाँट पड़ने दौरान वहाँ रह गई थी, यारो ओहदी सूचना निकल सगे तो ज़रूर निकालना और सूचना कर देणा.. .यह आवाज़ संदेश सुन कर चढ़ते पंजाब दे सुखविन्दर सिंह गिल ने बहुत खोज पड़ताल की, हरजीत सिंह जंडियाला ने साथ दित्ता. आखिर इन्हों ने अमतल हफीज को गाँव लेटूँ में ढूँढ ल्या. अब अमर कौर है…

माता अमर कौर पुत्र -पोतियाँ वाली है. अमर कौर का पोता जो कतर रियासत में काम करन गया था, के पास राशिद ने अपना दोस्त भेजा. उधर, माता अमर कौर को अपने पिता हैड्ड मास्टर, माँ सरदारा, भाइयों और मामों के नाम अभी भी याद हैं, जैसे कल परसों का घटना होवे।

नासिर कसाना ने बताया कि वह उतरते पंजाब के जंमपल हैं और पृष्टभूमि, चढ़ते पंजाब के हुश्यारपुर इलाको का है, वह पंजाबी प्यारों दरमियान सांझ के लिए काम कर रहे हैं।’एक गाँव पंजाब का’उनवान के अंतर्गत वह यू -ट्यूब चैनल चलाते हैं। फिर पता लगा कि चढ़ते पंजाब के टांडा उढ़मुड़ समीप गाँव बघ्याड़ी से उजड़ कर उतरते पंजाब में आए राणा अमीर अली के साथ भी मुल्क की बाँट पड़ने कारण धक्का हुआ. उन्हों ने राणा अमीर अली के साथ चक्क नंबर 82, बलाकी, ज़िला लायलपुर में संबंध कीता. अमीर अली ने बताया कि उन की बहन अमतल हफीज़ा (फिजा) वहाँ रह गई .

मुकंमल बातचीत रिकार्ड कीती. इस दौरान चढ़ते पंजाब के साथियों हरजीत सिंह जंडियाला और सुक्खविन्दर सिंह गिल ने गाँव लिट्टों में पहुंच कर अमर कौर पर वीडियो क्लिप वग़ैरा फिलमाय कर भेज दित्ते. यह सब कुछ कैसे घटा और कैसे हालात साज़गार किये गए…

Jharokha

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