Ayodhya News: अमृतसर : भगवान श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का समय नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे भक्तों का उत्साह चरम पर पहुंच रहा है। यह उत्साह गुरु नगरी के रामभक्तों में भी देखने को मिल रहा है। राज एवेन्यू घन्नूपुर काले रोड छेहरटा स्थित गायत्री ज्ञान मंदिर शक्ति पीठ की तरफ से सोमवार को 1,000 लोगों को अयोध्या से आया पूजित और निमंत्रण पत्र वितरित किया गया। यह जानकारी मंदिर के जोन जिला समन्वयक पं. राजमुकार विष्ट ने दी।
उन्होंने बताया कि राम भक्तों के सहयोग से यह निमंत्रण पत्र मिलाप एवेन्यू, राज एवेन्यू, मजीठा एवेन्यू, मास्टर एवेन्यू, काला पिंड सहित अन्य क्षेत्र में विरित किया गया। राम लला का निमंत्रण पत्र वितरण करने का कार्यक्रम आगे भी जारी रहेगा। पं. राजकुमार ने बताया कि राम लला का निमंत्रण पत्र वितरित करने और पाने वालों में अगाध आस्था देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि जिन घरों में मंदिर कमेटी के सदस्य और पदाधिकारी निमंत्रण देने पहुंच रहे हैं वहां पुष्प वर्षा करके स्वागत किया जा रहा है। इसके बाद निमंत्रण पत्र पाने वाला परिवार पत्र को अपने माथे से लगात है और खुद को ध्यन्य समझ रहा है। उन्होंने बताया कि इस दौरान लोगों को अपने घरों में 22 जनवरी को दीपमाला और कथा कीर्तन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके लिए शांतिकुंज हरिद्वार से भी विशेष रूप से निर्देशित किया गया है। गायत्री ज्ञान मंदिर के ट्रस्टी डा. वीएन दास और सेक्रेटरी अनिल कुमार ने बताया कि राम काज में लोगों का व्यापक सहयोग मिल रहा है। यहां तक कि लोग निमंत्रण पत्र देने वाली टोली को बकायदा अपने यहां आमंत्रित कर रहे हैं। इस मौके पर मंदिर कमेटी के पदाधिकारी शिवकुमार, पवन सलवान, नरेश, राधा शर्मा, राज किशोर, आरती सूद आदि मौजूद रहे।
22 जनवरी को हवन और भंडार होगा
गायत्री ज्ञान मंदिर के मुख्य ट्रस्टी डा. वीएन दास ने कहा कि श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी सोमवार को मंदरि में सुबह 10 बजे से पंच कुंडीय हवन किया जाएगा। इसके बाद दोपहर 12 बजे से हरि इच्छा तक भंडारा चलेगा।
दीपों की रोशनी से जगमग होगा मंदिर
गायत्री ज्ञान मंदिर के सेक्रेटरी अनिल कुमार ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को शाम को 6:15 बजे मंदिर में दीपमाला की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए भक्तों को कहा गया है कि वे पांच-पांच दीए लेकर मंदिर में आएं और दीप माला करें। इसके बाद अपने घरों में दीपावली की तरह दीपोत्सव मनाएं।