चंडीगढ.। एमएसपी कानून की गारंटी की मांग को लेकर विभिन्न किसान संगठनों ने 30 दिसंबर सोमवार को पंजाब बंद रखा। हलांकि, किसानों के इस बंद का कई व्यापारिक संगठनों ने विरोध भी किया।
व्यापारिक संगठनों का कहना है कि साल 2020-211 के आंदोलन में खुल कर दिल्ली तक साथ दिया। संगठनों का कहना है किसानों की बात ठीक पर पंजाब और देश का नुकसान नहीं होना चाहिए। बार-बार पंजाब बंद के वजह से प्रदेश का नुकासन हो रहा है।
किसानों के पंजाब बंद के वजह से जहां बाजार बंद रहे, वहीं रेल और बस सेवांए बंद होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी दूसरे प्रदेशों से पंजाब आने वाले और टूरिस्टों को ट्रेनें रद होने से हुई। यहां तक बाजार और छोटी-बड़ी दुकाने बंद होने से उन्हें खानेपीने तक के भी लाले पड़ गए। पंजाब खासकर अमृतसर घूमने आने वाले टूरिस्टों का कहना था कि यदि ऐसा ही होता रहा तो टूरिस्ट पंजाब आना बंद कर देंगे।
इसी तरह दिहाड़ीदार मजदूर, खोमचे लगाकर खाने-पीने का सामान बेचने वाले भी परेशान रहे। दिहाड़ीदार मजदूरों का कहना था पंजाब बंद होने से उन्हें काम नहीं मिला, ऐसे में आज उनके घर चुल्हा नहीं जलेगा। मजदूरों ने कहा कि किसानी हक की बात करने वाले किसान और किसान यूनियनों को दिहाड़ीदार मजदूरों के बारे में भी सोचना चाहिए।
हलांकि किसानों का सुबह सात बजे से सड़कों पर चल रहा धरना प्रदर्शन शाम करीब 4:30 बजे खत्म हो गया। इसके बाद परिवहन सेवाएं बहाल हुई। लेकिन शाम को मौसम खराब होने के कारण कुछ देर के लिए बाजार तो खुले पर ग्रांहग नदारद रहे।