Home उत्तर प्रदेश Maha Shivratri Special, बलिया के कारों गांव का कामेश्वर धाम जहां शिव ने काम देव को किया था भस्म

Maha Shivratri Special, बलिया के कारों गांव का कामेश्वर धाम जहां शिव ने काम देव को किया था भस्म

by rajnish mishra
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Maha Shivratri Special, बलिया के कारों गांव का कामेश्वर धाम जहां शिव ने काम देव को किया था भस्म

Maha Shivratri Special: रजनीश कुमार मिश्र । शिवरात्रि के दिन शिव मंदिरों का महत्व काफी बढ़ जाता है । इस दिन भगवान भोले के दरबार में भक्तों की भीड़ काफी बढ़ जाती है । लेकिन एक ऐसा भी भोले का दरबार है । जहां साल के बारहों महीने भक्तों का ताता लगा रहता है । ऐसा इस लिए की उस स्थान साक्षात भोले नाथ ने कामदेव को जला कर भस्म कर दिया था । अब तो आप समझ गये होगे की मै किस स्थान की बात कर रहा हूं । जी हां मै बात कर रहा हूं बलिया जनपद के कारों गांव में स्थित कामेश्वर धाम का इस धाम का जिक्र शिव पुराण में भी मिलता है ।

कामेश्वर धाम नाम पड़ने की अनोखी कहानी

बलिया जनपद के कारों गांव में स्थित कामेश्वर महादेव का नाम कामेश्वर धाम क्यो पड़ा इसकी भी एक अनोखी कहानी है । शिव पुराण के अनुसार जब भगवान भोले नाथ इस स्थान पर तपस्या में लीन थे । तब कामदेव अपने पुष्प बाण से भगवान भोले नाथ की तपस्या को भंग कर दिया था । जिससे क्रोधित हो कर काम देव को भोले नाथ ने अपने तीसरे नेत्र से जला कर भष्म कर दिया था । शिव पुराण कथा के अनुसार माता सती अपने पती के अपना हो जाने पर माता सती ने जब यज्ञ में कुद जाती तब भोले नाथ तांडव करने लगते है इस दौरान संसार में हाहाकार मच गया ।

जब भोले नाथ सांत हुए तो तपस्या में लीन हो गये । इसी दौरान ताड़कासुर का स्वर्ग में आधिपत्य हो गया । जिससे देवता काफी परेशान हो गये । ताड़कासुर का बध करने के लिए देवता शिव का तपस्या भंग करने लगे लेकिन असफल रहे । असफल होने के बाद देवताओं ने कामदेव को भगवान शिव के तपस्या भंग करने के लिए कहा तो कामदेव ने अपने पुष्प वाण को भोले नाथ पर चला दिया जो उनके सिने में जा लगा । जिससे क्रोधित होकर भोले नाथ ने कामदेव को जला कर भष्म कर दिया । तभी से इस स्थान का नाम कामेश्वर धाम पड़ा।

Maha Shivratri Special, बलिया के कारों गांव का कामेश्वर धाम जहां शिव ने काम देव को किया था भस्म

वाल्मीकि रामायण में भी कामेश्वर धाम का जिक्र

बलिया जनपद के कारों गांव स्थित कामेश्वर धाम का जिक्र वाल्मीकि रामायण में भी मिलता है । वाल्मीकि रामयण के अनुसार जब महर्षि विश्वामित्र भगवान राम और लक्ष्मण को लेकर अयोध्या से चले तो इसी जगह पर विश्वामित्र भगवान राम व लक्ष्मण के साथ आराम किया था । किवंदती है की भगवान राम का चरण पादुका इसी जगह पर रखा गया है ।

बलिया से 25 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है कामेश्वर धाम

कामेश्वर धाम बलिया मुख्यालय से 25 किलोमीटर दुर कारों गांव के पास ये धाम स्थित है । जहां पर सावन के महीने में व शिवरात्रि के दिन दुर दुर से भक्त भगवान भोलेनाथ का दर्शन करने आते है । जीस पेड़ के निचे कामदेव को शिव ने भस्म किया था । वो पेड़ जले हुए हाल में आज भी मौजूद है ।

rajnish mishra

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में जन्म । प्रारंभिक और ग्रेजुएशन तक की शिक्षा भी वहीं पर । पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय । पिछले छह साल से thejharokha.com से जुड़े हैं। संपर्क नं. 9889688876



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