पूरा मामला सुल्तानपुर जनपद से जुड़ा हुआ है जहां आज राष्ट्रीय गणित दिवस पर बजरंग क्लासेस में धूमधाम से मनाया गया तो वहीं दूसरी तरफ छात्रों को संबोधित करते हुए माननीय श्री कृपाशंकर ने कहा कि 22 दिसम्बर 1887 को तमिलनाडु के इरोड में एक ऐसे महान भारतीय गणितज्ञ का जन्म होता है जिसकी गिनती आधुनिक काल के महानतम का नाम श्रीनिवास रामानुजन इयंगर था । तो वही दूसरी तरफ सुजेश मिश्रा ने कहा किश्रीनिवास रामानुजन ने पाँच वर्षों तक इंग्लैंड में संख्या सिद्धांत पर कार्य किया था जिसके बाद इन्होंने गणित के दो सबसे महत्वपूर्ण नियतांको ‘पाई’ तथा ‘ई’ के मध्य सम्बद्ध एक अनंत सतत भिन्न क माध्यम से स्थापित किया था।
इन्होंने ऐसी प्राकृतिक संख्याओ की भी खोज की थी जिनको दो अलग-अलग प्रकार से दो संख्याओं के घनो के योग के द्वारा निरूपित किया जा सकता है। इन संख्याओ की खोज श्रीनिवास रामानुजन के द्वारा किये जाने के कारण से ही इन संख्याओं को ‘रामानुजन संख्याएँ’ भी कहा जाता है। इन्ही वजहों से भारत सरकार के द्वारा इनके जन्मदिन को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में घोषित किया था जिससे की सम्पूर्ण भारतवर्ष अपने गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेते हुए इसी तरह विकास के पथ पर अग्रसर रहे। इस मौके पर उपस्थित तुसार वर्मा , गीतांजलि तिवारी मनीषा सुरभि आदित्य दुबे रविकांत तिवारी शशांक अंशिका यादव प्रिया मेनका विजय आदि छात्र उपस्थित रहे ।