रजनीश मिश्र (गाजीपुर) : जिले के विकास खंड बाराचवर की रामलीला को देश की कुछ उन रामलीओं में से एक है जो ब्रिटिश इंडिया दौर में शुरू हुई थीं। विजय दशमी के दिन होने वाली इस रामलीला को देखने के लिए क्षेत्र के करीब सौ से अधिक गांवों के हजारों लोग आते हैं।
वैसे तो ब्लॉक मुख्यालय के एकाध गांवों भी भी रामलीला का आयोजन होता है, लेकिन विजयदशमी के बाद । अत: यह क्षेत्र की पहली और बड़ी रामलीला होने के कारण लोगों को इसका वर्ष भर इंतजार रहता है। बाराचवर ब्लॉक मुख्यालय की रामलीला अति प्राचीन होने के कारण काफी विख्यात है । रामलीला कमेटी ने बताया कि क्वार के प्रथम नवरात्रि से रामलीला शुरू होती है और विजयदशमी के दिन इसका समापन होता है। कहा जाता है कि इस रामलीला की तत्कालीन कोतवाल मोहम्मदा बाद भी सराहना कर चुके हैं।
सौ साल से किया जा रहा है आयोजन
दशहरा मेले का क्षेत्र के दुकानदारों को भी बेसब्री से इंतजार रहता है। करीमुद्दीनपुर के 70 वर्षीय कुम्हार मद्दू कहते कहते हैं कि इस मेले में मिट्टी के खिलौने से लेकर लकड़ी और प्लास्टिक के खिलौने तक बिक जाते हैं। बाराचवर का मेला क्षेत्र में वर्ष का पहला मेला होता है। इसके बाद ही अन्य जगहों का दशहरा मेला शुरू होता है।