नालंदा : आए दिन बिहार की कोई न कोई खबर अखबारों और सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रही होती हैं। ताजा मामला बिहार के नालंदा जिले से सामने आया है। यहां एक ‘मुर्दे’ को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जा रहा था, तभी वह उठ बैठा और बोला, कहां ले जा रहे हो भाई। अचानक मुर्दे के इस कदर उठ बैठने से सिविल अस्पताल में कुछ देर के लिए अफरारतफरी का माहौल बन गया।
दरअसल नालंदा के सिविल अस्पताल के शौचालय में एक व्यक्ति बेहोशी की हालत में पड़ा था। हिलाने डुलाने पर भी जब वह नहीं उठा तो अस्पताल प्रबंधन ने उसे मरा हुआ समझ कर इसकी सूचना संबंधित थाने की पुलिस को दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई कर ही रही थी कि किसी ने इसकी जानकारी सिविल सर्जन को दे दी। मौके पर पर पहुंचे सिविल सर्जन डा: जितेंद्र ने भी बिना किसी जांच से उस व्यक्ति को मरा हुआ समझ कर पोस्ट मार्टम के लिए ले जाने को कह दिया।
अब पोस्टमार्ट की बात सुनते ही ‘मृतक’ व्यक्ति उठ बैठा। मुर्दे को अचानक से उठ कर बैठते हुए देख वहां मौजूद लोगों में अफरारतरफी मच गई। हलांकि पुलिस ने उक्त व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए अपने साथ थाने ले गई। यह खबर जैसे लोगों के बीच पहुंची कौतुल का विषय बन गई। वहीं कुछ लोग चटखारे भी ले रहे थे कि बिहार में आए दिन कोई न कोई नया कारनामा होता रहता है।
समय पर होश नहीं आता तो जीते जी करवा देते पोस्टमार्टम
लोगों को कहना है कि व्यक्ति को मृत घोषित करने से पहले उसकी नब्ज टटोल कर देखनी चाहिए थी। लोगों का कहना है कि सिविल अस्पताल के बाथरूम मे डेड बाडी मिलने की सूचना पर पुलिस और डाक्टर दोनों पहुंचे थे, लेकिन किसी ने व्यक्ति की नब्ज नहीं टटोली और सीधे मृत घोषित को पोस्टमार्टम हाउस ले जाने को कह दिया। इससे बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है। लोगों का कहना है कि शुक्र है व्यक्ति को समय पर होश आ गया नहीं तो बिहार के डाक्टर और पुलिस उस व्यक्ति का जीते जी पोस्टमार्टम करवा देते।