रजनीश कुमार मिश्र ( गाजीपुर) मुख्तार अंसारी व अतीक अहमद को भला कौन नहीं जानता ये वो जुर्म के बादशाह थे । जीनके सामने अपराध के दुनिया के लोग घुटने टेकते थे । ये दोनो बादशाहों की शुरुआत एक जैसे ही रही तो अंत भी एक जैसा ही हुआ । अतीक पुलिस अभिरक्षा में गोली का शिकार हुआ तो मुख्तार की मौत भी पुलिस अभिरक्षा मे ही हार्ट अटैक से हुई । दोनों माफियाओं की गहरी दुशमनी भी दो विधायकों इलाहाबाद के फुलपूर से विधायक राजूपाल तो मुख्तार की अदावत भी मोहम्मदाबाद से भाजपा विधायक कृष्णानंद राय से थी । संयोग भी देखिए की राजूपाल हत्याकांड का फैसला आज ही आया जब मुख्तार का शव मोरचरी में था ।
दोनों के मौत के बाद पत्नी और बेटे नहीं पहुंच पाये जनाजे
मुख्तार अंसारी व अतीक अहमद की मौत की कहानी भी एक है । दफन होने की कहानी भी एक अतीक अहमद के मौत के बाद अतीक के बेटे व पत्नी शाईस्ता अतीक को अंतिम बार नहीं देख पाये । अतीक के पत्नी को जनाजे के वक्त पुलिस ढुंढ रही थी । तो वहीं मुख्तार अंसारी के जनाजे में भी बड़े बेटे अब्बास अंसारी नहीं पहुंच पायेंगे । वहीं यहां के लोग मुख्तार की पत्नी आफ्स अंसारी को भी लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे है । लेकिन अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया ।
दोनो की दुश्मनी भी एक जैसी
मुख्तार अंसारी व अतीक अहमद की रंजिश की कहानी भी एक जैसी ही है । इलाहाबाद से बसपा से चुनाव लड़कर विधायक बने राजू पाल को अतीक के गुर्गों ने खत्म कर दिया तो । वही मुख्तार अंसारी की भी बगावत मोहम्मदाबाद से पहली बार विधायक बने कृष्णानंद राय की भी हत्या हो गई जिसमें मुख्तार के उपर मुकदमा दर्ज कराया गया । इसे संयोग ही कहां जायेगा की आज ही राजूपाल हत्या का फैसला आया है ।
राजूपाल व कृष्णानंद राय के चुनाव जीतने के बाद बढ़ी अदावत
इलाहाबाद में जब राजूपाल बसपा के टिकट पर चुनाव जीता तो अतीक अहमद से उसकी दुश्मनी बढ़ गई । क्यो की अतीक को राजूपाल चुनौती दे रहा था । ठीक इसी तरह.मुख्तार के घर मुख्तार के परिवार से मोहम्मदाबाद की सीट छीन कर कृष्णानंद राय विधायक बने । वर्ष 2004 में विधायक बनने के बाद राजूपाल की हत्या हो गई तो वर्ष 2005 मे कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या हो गई ।