
- गाजीपुर में 1.50 फर्जी किसानों ने लिया है 6000-6000, डाटा से नाम किए डीलिट, बाराबंकी में भी फर्जी किसानों ने लिया है योजना का लाभ होगी कार्रवाई
- तमिलनाडु के 13 जिलों में 52 फर्जी किसानों पर केस दर्ज, 96 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, 34 अधिकारियों पर चल रही है विभागीय कार्रवाई
मोदी सरकार पूरे एक्शन मोड में है। देश के किसानों के दिए गए छह हजार रुपये केंद्र सरकार वसूलने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार ने खाका तैयार कर लिया है। उल्लेखनीय है कि प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देशभर में भ्रष्टाचार चल रहा है। भ्रष्टाचारियों ने प्रधानमंत्री की इस बससे बड़ी किसान योजना को भी नहीं छोड़ा है। इसी भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार अब किसानों को दिए गए 6000 रुपये वापस लेने का फैसला किया है। यही नहीं फर्जी ढंग से सरकारी पैसे लेने वाले किसानों के खिलाफ कृषि विभाग केस भी दर्ज करवाएगा।
गाजीपुर और बाराबंकी में हुआ फर्जीवाड़ा
उल्लेखनीय है इसी साल सितंबर में पता चला कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में 1.5 लाख यानी डेढ लाख लोगों ने फर्जी किसान बन कर सरकार को करोंड़ो रुपये के राजस्व चूना लगाया है। मामला प्रकाश में आती ही 1.50 लाख किसानों के नाम सूची से हटाए गए है। कुछ इसी तरह का मामला बाराबंकी जिले में भी सामने आया है। यहां भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में भारी-भरकम घोटाला हुआ है। जिसमें ढाई लाख अपात्रों योजना का लाभ दिया गया है। अब प्रशासन ऐसे फर्जी किसानों को चिह्नीत कर उनसे 6000 रुपये वपास लेगी। साथ ही फर्जी किसानों पर केस भी दर्ज करवाएगी।
तमिलनाडु में भी हुआ घोटाला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर और बारबंकी में ही नहीं हुआ है। बल्कि, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनों में दक्षिण भारत के भी फर्जी किसानों सेंध लगाई है। तमिलनाडु में इस तहक का मामला साने आने के बाद वहां देश की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। बताया जा रहा है कि याह प्रसाशन ने 96 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी है। नौकरी से निकाले गए ये सभी कर्मचारी कांट्रैक्ट के आधार पर कार्यरत थे। हलांकि 34 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है। यहीं नहीं तमिनाडु 13 जिलों में 52 फर्जी किसानों पर केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
किसानों के हक पर डाका डालने वालों पर सरका सख्त
सरकार की इस कार्रवाई से साफ जाहिर होता है कि सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त है। जिन लोगों ने फर्जी किसान बन कर किसानों के हक पर डाका डाला है सरकार अब उन्हें किसी भी हाल में छोड़ने वाली नहीं । यानीकि सरकार अब पाईपाई वसूल करेगी।