रजनीश कुमार मिश्र, बाराचवर (गाजीपुर)
तेजी से बढ़ती Population न केवल चिंता का विषय है, बल्कि कई समस्याओं की भी जननी है। क्योंकि बढ़ती जनसंख्या से न केवल रोजगार, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास सहित तमाम समस्याएं उत्पन्न होती है। इसे रोकने के लिए भारत सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण योजना के तहत न केवल लोगों को जागरूक कर रही है, बल्कि कैंप लगाकर नसबंदी और नलबंदी की जा रही है। सरकार इसके लिए प्रोत्साहन राशि भी देती हैं।
जनसंख्या नियंत्रण के मामलों गौर किया जाए तो पुरुषों से कहीं अधिक महिलाएं यह जिम्मा निभा रही है। अकेले जिले के बाराचवर ब्लॉक मुख्याल स्थित सामुदायकि स्वास्थ्य केंद्र से मिले गत दो वर्ष के आंकड़ों पर नजर डाला जाए तो नलबंदी करवाने में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं कहीं अधिक हैं। आंकड़े बताते हैं कि इस मामले में पुरुषों को भी जागरूक होना पड़ेगा।
मर्दों से अधिक जागरूक हैं महिलाएं
विकासखंड बाराचवर में करीब 70 ग्राम पंचायतें आती हैं। इन 70 ग्राम पंचायतों पर नजर दौड़ाया जाए तो नसबंदी/नलबंदी करवाने में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं कहीं अधिक जागरूक हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य चिकित्साधिकारी नवीन कुमार सिंह के अनुसार घर का काम संभालने के अलावा महिलाओं में जनसंख्या नियंत्रण का जिम्मा भी बाखूबी संभाल रखा है। डॉ:
नवीन कुमार सिंह के मुताबिक जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकारी अस्पतालों में बहुत सी सुविधाएं उलब्ध कराई जा रही है। जैसे अंत्रा, मलाडी आदि तमाम सुविधाएं अस्पतालों पर उपल्बध रहती है।
दो साल में 543 महिलाओं ने कराया नलबंदी
मुख्य चिकिस्ता अधिकारी नवीन कुमार सिंह के मुताबिक दो साल पहले के रिकॉर्ड को देखा जाय तो पूरे बाराचवर ब्लाक में नलबंदी कराने में महिलाएं मर्दों से अव्वल हैं। रिकार्ड से अनुमान लगा सकते है की परिवार नियंत्रण की तरफ कीस तरह से महिलाओं का झुकाव है।
एन एम एस असलम अंसारी ने बताया की पिछले दो साल के रिकॉर्ड के मुताबिक सन् 2019- 20 पूरे बाराचवर ब्लाक में 543 महिलाओं ने नलबंदी कराया तो वहीं सिर्फ आठ पुरुषों ने नसबंदी करवाई।
वर्ष 2020-21 में 306 महिलाओं और पांच मर्दों ने करवाई नसबंदी
इसी तरह सन 2020-21 की बात की जाय तो इस वर्ष में भी पुरुषों के मुकाबले नसबंदी करवाने के मामले में महिलाएं ही अिधक हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सन् 2०-21 में अभी तक जहां 306 महिलाओं ने नलबंदी कराया तो वहीं मात्र पांच पुरुषों ने नसबंदी करवाई है। इस मामले में डाक्टर नवीन कुमार सिंह ने बताया की महिलाएं पुरुषों से कही अधिक जागरूक हो रही है।
पुरुष या महिला में से कोई एक भी नसबंदी करवा ले तो अभियान को सफल बनाया जा सकता है
बाराचवर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य चिकित्सा अधिकारी नवीन कुमार सिंह कहते हैं कि पुरुष या महिला में से यदि कोई एक व्यक्ति भी नसबंदी करवा ले तो जनसंख्या नियंत्र अभियान को आगे बढ़ाया जा सकता है। और यही इस अभियान की सार्थकता भी है।
नसबंदी करवाने पर पुरुष को 3000 और महिला को 2000 मिलती है प्रोत्साहन राशि
परिवार नियंत्रण के तहत जनता को जागरूक करने के लिए सरकार के तरफ सें प्रोत्साहन भत्ता भी दिया जाता है। ताकि लोग अपने परिवार को सीमीत करे ये तभी संभव हो सकता है जब लोग जागरूक हो । इसी के तहत सरकार प्रोत्साहन भत्ता देती है। प्रोत्साहन भत्ते की बात की जाय तो इस मामले में महिलाओं से अधिक पुरुषों को 3000 हजार रुपये प्रोत्साहन भत्ता देती है तो वही महिलाओं को 2000 हजार रुपये प्रोत्साहन भत्ता दिया जाता है।
पुरुष नसबंदी में नहीं है कोई परेशानी
बाराचवर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के कित्साधिकारी नवीन कुमार सिंह बताते है की पुरुष नसबंदी में कोई भी परेशानी नहीं होती है। उन्होंने बताया कि पुरुष को नसबंदी कर तुरंत ही छोड़ दिया जाता है। इसमें कुछ बचाव भी करना बहुत जरूरी होता है। जिस किसी पुरुष की सबंदी हो जाये वो अपने परिवार से करीब दो महीने तक दूरी बना कर रहें।
जिला अस्पताल पर ही उपलब्ध है पुरुषों की नसबंदी की व्यवस्था
डाक्टर नवीन कुमार सिंह ने बताया की पुरुष नसबंदी की व्यवस्था अभी सिर्फ जिले पर ही उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि यदि पुरुष नसबंदी का कोई केस आता है तो उसे जिला अस्ताल भिजवाया जाता है।
नलबंदी करवाने में मर्दों से आगे हैं बाराचवर ब्लॉक की महिलाएं