फोटो मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की है। यहां की बवाना पंचायत ने गांववालों के विरोध के बावजूद मगढार नदी के बीच में मुक्तिधाम बना दिया। अब साल में छह महीने यहां पानी बहता रहता है। दो साल पहले बने इस स्थान पर अब तक एक भी अंतिम संस्कार नहीं किया गया है। गांव के उपसरपंच ने इस बात की शिकायत जनपद सीईओ, एसडीएम, जिला पंचायत सीईओ से की पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
मजदूरों के लिए सतलुज किनारे बनाया क्वारेंटाइन सेंटर
ये है हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के रिकांगपिओ में नेशनल हाईवे -5 पर सतलुज नदी के किनारे बनाया गया क्वारेंटाइन सेंटर है। आम दिनों में यहाँ से रेत और बजरी का खनन किया जाता है। दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों के लिए यह व्यवस्था ठेकेदारों ने की है। इन नेपाल, बिहार से आए मजदूर रह रहे हैं, जिन्हें 14 दिन इन टैंटों में क्वारंटाइन होना चाहिए। यहां लगाए गए 20 टैंटों में 60 मजदूर रह रहे हैं। अगर बारिश होती है तो सतलुज में पानी बढ़ने से केंद्र तक पानी आ सकता है।
रोडवेज ने दूसरे राज्यों से पूछा एनओसी
हरियाणा राज्य परिवहन की बसें जल्द ही सभी पड़ोसी राज्यों में होगी। इसके लिए तैयारियां तेजी से चल रही हैं। हरियाणा राज्य परिवहन विभाग ने प्रदेश के पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, नई दिल्ली को ई मेल के जरिए लिखा है कि वे अपने राज्यों में रोडवेज की बसों के संचालन की अनुमति प्रदान करते हैं। इससे पहले भी विभाग की ओर से इस तरह का पत्राचार किया जा चुका है, लेकिन पड़ोसी राज्यों ने एनओसी नहीं दी थी।
सूखे कुएं में चार दिन भूखा-प्यासा रहा युवक
फोटो रेटेड के दौसा जिले के भांडारेज मोड़ की है। जूसरे निवासी महेंद्र कुमार बावरिया ने बताया कि 4 दिन पहले वह रास्ता में पानी भरने जाने के कारण रात में डंडे के सहारे सड़क की ओर जा रहा था, तभी पैर फिसलने से 20 फुट गहरे सूखे कुएं में गिर पड़ा। सुनसान जगह के कारण गांव वालों को युवक के गिरने का पता ही नहीं चला।
गुरुवार सुबह दिगंबर कॉलेज के पास रहने वाले मूर्तिकारों का परिवार मकान की छत पर गया। इस दौरान कुएं से आवाज सुनीई दी, तब पुलिस ने गांव वालों की मदद से उसे बाहर निकाला और जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
कोविद के नेतृत्व में यात्रा शुरू
श्री हेमकुंड साहिब की पवित्र यात्रा गुरुवार को उत्तराखंड में जिला चमोली के गुरुद्वारा श्री गोविंद घाट से पांच प्यारों की अगुआई में शुरू हुई। यह यात्रा हर साल मई में शुरू हो जाती है और अक्टूबर तक चलती है, लेकिन इस बार को विभाजित के कारण देर से शुरू हुई। यात्रा में शामिल होने वालों के लिए कोविड निगेटिव टेस्ट के अलावा ई-पास जरूरी किया गया है।
तीरंदाज दीपिका के पिता अब भी ऑटो चलाते हैं
ये पद्मश्री और नंबर -1 तीरंदाज दीपिका कुमारी के पिता शिवनारायण महतो हैं। अब तक उसने अपना पुराना काम औटो चलाने से नहीं छोड़ा है। गुरुवार को उनकी ऑटो में आगे की सीट पर एक पुलिसवाला बैठ गया। रातू रोड पर दुर्गा मंदिर के पास ट्रैफिक पुलिस ने रूटीन चेकिंग के दौरान उन्हें रोका। इनकी सादगी देखिए … पुलिसवाले के सामने हाथ जोड़ लिए। जब पुलिस अफसर को पता चला कि वे दीपिका के पिता हैं तो बिना कुछ कहे उन्हें जाने दिया जाएगा।
कोरोना से कपड़े, फिर आएगी चैन की नींद
चंडीगढ़ सेक्टर -17 में इमारतों को उनके ओरिजनल लुक में लाने पर काम चल रहा है। कोरोना से बचने के लिए पूरी एहतियात के साथ यह काम किया जा रहा है। गुरुवार को एक मजदूर दोपहर को लंच टाइम में थोड़ी देर के लिए चैन की नींद सो रहा था। उसने स्पष्ट रूप से कहा, ताकि कोरोना से बचा जा सके।