
अमृतसर । रात के 12 बजते पंजाब सीमावर्ती शहर अमृतसर का दुर्ग्याणा मंदिर शंख ध्वनिया और घंटे घडि़यों की मधुर ध्वनी से गूंज उठा। हरतरफ जय हो नंदलाल हाथी घोड़ा पालकी की आवाज से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर यह नजारा अकेले दुर्ग्याणा मंदिर का नहीं था। शहर के सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को लगी हुई थीं। रह कोई अपरे आराध्य नटखट नंदकिशोर की एक झलक पाने को उत्तावला था। ऐसा लग रहा था जैसे अमृतसर मथुरा बन गया हो।
मंदिरों में की गई भव्य सजावट
खास तौर से स्वर्ण मंदिर के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध अमृतसर के विभिन्न मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर की गई सजावट देखते ही बनती थी। स्वर्णमंदिर की तरह दिखने वाले श्री दुर्ग्याणा मंदिर की सजावट तो देखते ही बन रही थी। मंदिर परिसर में सुबह से देर रात तक भगवान श्रीकृष्ण के दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। रात 12 बजे भगवान श्री कृष्ण जन्म के पश्चार मंदिर प्रबंधक कमेटी की ओर से की गई आतीशबाजी देखने के लिए लोग दूर-दर से आए हुए थे।
2.50 लाख से अधिक पर्यटकों ने अमृतसर में जमाया डेरा
तीन दिन का सरकारी अवकाश होने और श्रीकृष्ण जन्माटमी होने की वजह से अमृतसर में करीब 2.50 लाख से अधिक पर्यटकों ने डेरा जमाया हुआ है। हालत यह है कि यहां के होटल फुल हो गए है। लोगों को ठहरने के लिए जगह बड़ी मुश्किल से मिल रही है।