अमृतसर। अखिल भारतीय संस्कृत विकास परिषद् बैठक राष्ट्रीय कार्यालय रानी हवेली कटडा बघियां में हुई। डॉ. शिव कुमार प्रेम की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सर्व हितकारी विद्या मंदिर रामपुरा फूल जिला बठिंडा में पूर्व गैंगस्टर लक्खा सिधाना द्वारा संस्कृत व हिन्दी पढ़ने एवं पढ़ाने पर किए गए विरोध का कड़ा नोटिस लिया गया।
बैठक में परिषद् के सदस्यों ने पंजाब के स्कूलों में संस्कृत विषय को समाप्त करने के लिए विद्या भारती स्कूल प्रबंधन पर जो सिधाना की ओर से आलोकतांत्रिक ढंग से बनाए गए दबाव व धमकी का विरोध किया। इस दौरान सदस्यों ने मानव संसाधन विकास (शिक्षा) मंत्रालय एवं पंजाब सरकार से अपील की कि संस्कृत व हिन्दी विरोधी घटिया मानसिकता के लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। सदस्यों ने कहा कि एक शैक्षिणक संस्थान में आकर स्टाफ को धमकाना बेहद घिनौनी हरकत है जो कि किसी प्रकार से भी सहन करने योग्य नहीं है।
डा: शिवकुमार ने कहा कि सभी भाषाओं की जननी संस्कृत व राष्ट्रीय भाषा हिन्दी के प्रति तुच्छ सोच रखने वाले लक्खा सिधाना को इस विषय का ज्ञान नहीं है कि इसी पंजाब की पावन भूमि के ऊपर वेदों की रचना और महर्षि पाणिनि द्वारा लिखा गया संस्कृत व्याकरण इसी पावन भूमि की देन है। उन्होंने कहा कि सिधाना को ज्ञान होना चाहिए कि पंजाबी भाषा में संस्कृत के लगभग 60% तत्सम शब्द विद्यमान हैं और पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब में 10 से अधिक भाषाओं के श्लोक लिखे हैं जिनमें मुख्य रूप से गुरु नानक देव और गुरु अर्जन देव द्वारा लिखें गए श्लोक संस्कृत भाषा में ही हैं।
डा: शिवकुमार ने कहा कि संस्कृत परिषद् किसी भी भाषा का विरोध नहीं करती है परंतु सभी भाषाओं की जननी संस्कृत का अपमान भी सहन नहीं करती। संस्कृत भाषा समाज में द्वेष भावना उत्पन्न नहीं करती है बल्कि संस्कृत तो “सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय” और “वसुधैव कुटुंबकमम्” का उद्धात्त सन्देश देती है। उन्होंने कहा कि आज समय की मांग है की दशम गुरु “श्री गुरु गोविंद सिंह जी” की संस्कृत के प्रति भावना को जन-जन तक पहुंचाया जाए। इस अवसर पर राजकुमार शर्मा , सुरेश पुंज, पवन द्वेसर, डॉ. बीएम मिगलानी, अशोक शर्मा, सिद्धार्थ मिश्रा, शास्त्री पवन कुमार, डा: गोल्डी शर्मा, यश देव डोगरा, कुलभूषण सपरा, राकेश शर्मा इत्यादि उपस्थित थे।