नई दिल्ली। साजिद रशीदी के एक बयान ने राजनीतिक और सामजिक हलकों में एक नया बवाल खड़ा कर दिया। साजिद रशीदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को सामान्या राजा बताते हुए कहा कि शिवाजी महाराज की मराठाओं के लिए कोई बड़ी उपलब्धि नहीं थी।
यही नहीं मुस्लिम धर्मगुरु साजिद रसीदी हिंदू विवाह पद्धति पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि शादी से पहले पंडे 36 गुण मिलाते हैं और शादी के कुछ दिन बाद ही तलाक हो जाता है।
मुस्लिम धर्म गुरु ने कहा कि लोग औरंगजेब को गाली देते हैं, लेकिन इतिहास की सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता। यही नहीं उन्होंने कहा, ‘आपमें एक बड़ी कमी है कि आप लोगों को यह नहीं बता सकते कि हिंदू धर्म क्या है. यह सनातन है या हिंदू धर्म, कुछ भी नहीं। उन्होंने कहा कि वैदिक धर्म में मूर्ति पूजा नहीं होती थी। मूर्ति पूजा की परंपरा 150-200 साल में आई है।
उन्होंने कहा कि आप मुझे बता दीजिए कि राम किसे पूजते थे? कृष्ण किसे पूजते थे?’ वह यहीं नहीं रुके उन्होंने भारतीय राजाओं को लेकर भी कहा कि हिंदू राजाओं ने हिंदुओं के लिए कुछ किया और न ही मुसलमानों के लिए। वे सिर्फ अपनी सत्ता के लिए लड़े। रशीदी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी इस बयान को लेकर विरोध शुरू हो गया है। हलाकि रशीदी ने कहा कि उनकी मंसा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं थी, उन्होंने तो केवल इतिहास की बाते उजागर की है।