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Bihar News: बिहार में अब तेज होगी जातिय राजनीति, कुल आबादी का 14% प्रतिशत यादवों का रहेगा दबदबा

Bihar News: बिहार में अब तेज होगी जातिय राजनीति, कुल आबादी का 14% प्रतिशत यादवों का रहेगा दबदबा

Bihar : अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव बिहार Bihar में जातिय राजनीति पर होगा। यह हम नहीं कह रहे हैं। 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर बिहार में जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी कर दिए हैं। इन आंकड़ों में कुल 82 % हिंदू हैं। जो अलग-अलग जातियों में बंटे हुए है। और यही जातिय बंटवारा इस बार लोकसभा के चुनाव में बिहार की राजनीति का आधार होगा।

बता दें कि बिहार के मुख्य सचिव ने 2 अक्टूबर सोमवार को पटना में बिहार जाति आधारित गणना की पुस्तिका का विमोचन किया। इस पुस्तिका में जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में बिहार की कुल आबादी का 82% हैं, जबकि शेष 12 प्रतिशत में अन्य धर्मों के लोग हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में भूमिहार बीरादरी कुल भूमिहार 2.86%, राजपूत 3.45%, ब्राह्मण 3.65%, नौनिया 1.9% और यादवों की कुल आबादी 14 प्रतिशत है। और यही 14% की आबादी वाले यादव बीरादरी इस बार के चुनाव में बिहार की राजनीति की धूरी बनेगी।

जातिगत आंकड़े जारी होते ही बिहार Biharके पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने बिना किसी देरी के कहा कि भाजपा की अनेकों साजिशों, षड्यंत्रों और कानूनी अड़चनों के बाद बिहार सरकार ने जातिगत सर्वे के आंकड़ों को जारी कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि हम आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए एक उदाहरण पेश करेंगे। उन्होंने बिना किसी लाग लपेट के कहा कि अब सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या है उसकी उतनी हिस्सेदारी हो। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवाएंगे और दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी भाजपा को सत्ता से बाहर करेंगे। यानि संदेश साफ है कि इसका असर टिकट बटवारे पर भी पड़ेगा और इस बार के लोकसभा चुनाव में कई राजपूत, ब्राह्मण और भूमिहार उम्मिदवारों का पत्ता कट सकता है।