
- अस्पताल की बिल्डिंग सामुदायिक की, ओपीडी की पर्ची कट रही है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की
- बाराचवर ब्लाक के 83 ग्राम पंचायतों के लोग उच्च स्वास्थ्य सेवाओं से हैं वंचित
- सांसद विरेंद्र सिंह और विधायक ओम प्रकाश राजभर भी नहीं दे रहे ध्यान
रजनीश कुमार मिश्र, बाराचवर (गाजीपुर) : स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश सरकार के तमाम महत्वाकांक्षी सेवाओं में एक है, लेकिन इसकी हवा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तो निकाल ही रहे हैं, लेकिन नजता और जन प्रतिनिधि भी कम जिम्मेदार नहीं हैं।
या तो उत्तर प्रदेश खास कर गाजीपुर Ghazipur जिले के ब्लाक बाराचवर के लोग अपना अधिकार लेना नहीं चाहते या फिर अधिकारों के बारे में जानते ही नहीं है। तभी तो वह सामुदायकि स्वास्थ्य केंद्र की जगह प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नाम ब्लाक बाराचवर Barachawar के लोगों को पिछले 22 वर्षों से धोखा दिया जा रहा है।
सरकारी अस्पतालों की दशा सुधाने के लिए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक अस्पतालों पर ताबड़तोड़ छापामारी कर स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा ले रहे हैं, ताकि अस्पतालों में मरिजों को अच्छी सुविधाएं मिल सके । लेकिन बाराचवर के अस्पताल पर उपमुख्यमंत्री की नजर कब पड़ेगी पता नहीं।
गाजीपुर Ghazipur जनपद के मोहम्मदाबाद के तहसील के बाराचवर Barachawr में बना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिर्फ नाम का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है । क्यों की लाखों की लागत से बने इस भवन.में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चलाकर जनता के साथ साथ सरकार को भी धोखा देने का काम कर रही । बाराचवर ब्लाक के इस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर 83 ग्राम पंचायतों के हजारों लोग अपना इलाज कराने आते हैं ।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है या सामुदायिक, पता नहीं नहीं चलता
ब्लाक मुख्यालय बाराचवर में स्थापित अस्पताल की हालत भी विचित्र है। यहां प्रतिदिन सौ से अधिक लोगों को ओपीडी (OPD) होती है। इसके अलावा यहां प्रवस भी करवाया जाता है। लेकिन बारावचर के स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार के लिए आने वाले मरीजों को पता नहीं चलता वह अपना उपचार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर करवा रहे या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर। क्योंकि न तो उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुविधाएं मिल पाती हैं और नहीं प्राथमिक की। इसके लेकर मरीज हमेशा असमंजस की स्थिति में रहते हैं।
बोर्ड पर लिखा है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पर्ची कटती है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की
बाराचवर ब्लाक के अंतर्गत आते 83 ग्राम पंचायतों के लाखों के लोगों के साथ यह धोखा नहीं है तो इसे और क्या कह सकते हैं। अस्पताल के बोर्ड पर मोटे-मोटे अक्षरों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लिखा, जबिक यहां ओपीडी की पर्ची पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लिखा हुआ है। जब यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है तो जाहिर सुविधाएं भी प्राथमिक की तरह ही मिलेंगी। मसलन यहां एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और कई अन्य सुविधाएं नहीं मिलेंगी जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मिलती है। जहां आने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ना होने से अस्पतालों में मिल रही उच्चकोटि की सुविधाओं लोग से वंचित रह जाते हैं । मरीजों को एक्सरे अल्ट्रासाउंड बाहर कराना पड़ता है ।
सामुदायिक नहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है बाराचवर का अस्पताल
गाजीपुर जिले के सीएमओ (CMO ) हरवंश सिंह से जब पूछा गया कि क्या बाराचवर ब्लाक मुख्यालय का अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र। इस पर उन्होंने कहा कि जिले के सभी ब्लाक मुख्यालयों पर बना चिकस्ता केंद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि अस्पताल पर बोर्ड तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का लिखा हुआ जबकि पर्ची प्राथमिक के नाम की कटती है तो उन्होंने कहा कि बाराचवर Barachawar का अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ही है। सामुदायिक नहीं।
जिले में मात्र 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
जिला स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि Ghazipur जिले के सभी ब्लाक मुख्यालयों के अस्पताल सामुदायकि स्वास्थ्य केंद्र हैं। लेकिन आप को बता दें कि गाजीपुर Ghazipur जिले में कुल 16 ब्लाक हैं। इनमें मात्र 11ब्लाकों में ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा उपलब्ध है। जबिक पांच ब्लाकों में प्राथमिक स्वास्थ केंद्र हैं। इनमें से एक बाराचवर Barachawr का अस्पताल भी शामिल है।
फंड आने पर कर दिया जाएगा अपग्रेड
सीएमओ (CMO ) हरवंश सिंह ने स्पस्ट किया कि बाराचवर अस्पताल की नई बिल्डिंग तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए ही बनीं थी, लेकिन किसी कारण वश इसका अपग्रेडेशन नहीं किया जा सका था। इस लिए इसमें अभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ही चल रहा है। जैसे फंड आएगा वैसे ही इसका भी अपग्रेडेशन कर सामुदायिक स्वास्थ्य बना दिया जाएगा।
प्राथमिक और सामुदायिक केंद्र में समझें अंतर
अगर आप के ब्लाक का अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है तो यहां पर 18 मेडिकल स्टाफ तैनात होता है। इनमें 5 डाक्टर, फर्मासिस्ट, लैब टैनीशियन, वार्ड ब्वाय, नर्स और स्वीपर आदि शामिल होते हैं। इमरजेंसी सेवाएं भी मिली है। इसके अलावा यहां अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, विभिन्न तरह के मेडिकल टेस्ट और बेडों की संख्या बढ़ जाती है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने पर
अगर आपका अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है तो जैसा कि नाम से स्पष्ट है, स्वास्थ्य सेवाएं भी प्राथमिक जैसे ही मिलेंगी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक डाक्टर, एक कंपाउंडर, एक वार्ड ब्वाय, एक नर्स और स्वीपर सहित अन्य स्टाफ तैनात होता है। यहां जांच और अन्य मेडिकल सुविधाएं भी कम होती है।
जनप्रतिनिधि भी नहीं ले रहे सुध
उल्लेखनी है कि बाराचवर में अस्पताल की स्थापना करीब 70 साल पहले हुई थी। इन 70 सालों में विधायक और सांसद कई चुन कर आए, लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। मौजूदा सांसद विरेंद्र सिंह मस्त हों या विधायक ओम प्रकाश राजभर। इनसे पहले इस क्षेत्र से सुरेंद्र सिंह, इस्तियाक अंसारी और ओम प्रकाश राजभर भी मंत्री रहे लेकिन उन्होंने भी इससे मुंह फेरे रखा।