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Agniveer Bharti 2024 : इस समय अग्निवीरों का मुद्दा संसद में विपक्षी दलों का राजनीतिक हथियार बना हुआ है। अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेनाओं में अग्निवीरों की भर्ती को लेकर सोमवार को संसद में गर्मागर्म बहस हुई। कांग्रेस सांसद और सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान के बाद जबर्दस्त हंगामा हुआ।
राहुल गांधी ने अग्निवीर भर्ती योजना पर सवाल उठाए। साथ ही उन्होंने शहीद होने वाले अग्निवीरों Agniveer के एक करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की मांग की। इसके जवाब में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले अग्निवीरों के परिवार को सरकार एक करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान करती है। इसके साथ उन्होंने राहुल गांधी को इसबारे में जानकारी रखने को भी कहा। आइए जानते हैं कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती होने वाले अग्निवीरों को चार साल में कुल कितना वेतन मिलता और शहीद होने वाले अग्निवीरों Agniveer को कितने रुपये मिलते हैं।
उल्लेखनीय है कि योजना के तहत भारतीय सेना के तीनों अंगो (थल सेना, वायु और नौसेना) में अग्निपथ योजना के तहत चार साल के लिए भर्ती किया जाता है। इसमें उनकी प्रशिक्षण अवधि भी सामिल होती है। चार साल की सेवा के बाद 25 फीसदी अग्निवीरों को सेना में स्थायी तौर पर भर्ती किया जाता है।
कितना मिलता है अग्निवीरों को वेतन
उल्लेखनी है कि अग्निवीरों को पहले साल करीब 4.76 लाख का पैकेज मिलता है। चौथे साल में लगभग 6.92 लाख रुपये की वृद्धि होती है। प्रत्येक अग्निवीर को अपने मासिक वेतन का 30 फीसदी का योगदान सेवा निधि यानी पीएफ के रूप में देना होता है। इतनी ही राशि का योगदान भारत सरकार द्वारा किया जाता है।
वर्षवार अग्निवीरों का वेतन
पहले साल-30 हजार रुपये प्रति माह वेतन के तौर पर दिया जाता है। इसी तरह दूसरे साल 33,000/- रुपये प्रतिमाह, तीसरे साल 36,500/ रुपये और चौथे वर्ष 40,000/- रुपये प्रति माह वेतन के रूप में दिया है।
पीएफ कटने के बाद कितना मिलता है इनहैंड
अग्निवीरों को मिलने वाले वेतन का 30 प्रतिशत हिस्सा सेवा निधि के रूप में काटा जाता है। यानि जब जब अग्निवीर का वेतन 30 हजार होगा तो इसमें से 21, 900 रुपये अग्निवीर को इन हैंड मिलेंगे। दूसरे साल 23,100 रुपये, तीसरे साल 25,550 और चौथे साल 28,000 रुपये इनहैंड वेतन प्रतिमाह मिलते हैं।
ड्यूटी के दौरान शहीद होने पर मुआवजा
निमयों के मुताबिक प्रत्येक अग्निवीर का 48 लाख रुपये का गैर-अंशदायी बीमा कवर होता है, जिसका भुगतना भारत सरकार करती है। साथ ही सेवा के दौरान मृत्यु होने पर 44 लाख रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि भी सरकार की आरे से दी जाती है। जो करीब एक रोड़ रुपये बनता है। इसके साथ ही सेवा निधि के रूप में जमा धनराशि भी अग्निवीर परिवार को दी जाती है।